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पीएम जनमन योजना पीवीटीजी के संर्वागीण विकास में मील का पत्थर साबित होगा: मंत्री रामविचार नेताम
- बलरामपुर जिले राजपुर में होगा मेगा इवेंट का आयोजन
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मेगा इंवेट में जुड़ेंगे, पीवीटीजी परिवारों से करेंगे चर्चा
- दूसरे चरण में अब तक 66540 हितग्राहियों ने करवाया पंजीयन
- योजना का दूसरा चरण 10 सितंबर तक चलेगा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर पीएम जनमन योजना के दूसरे चरण अंतर्गत छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के राजपुर में मेगा इवेंट का आयोजन प्रस्तावित है। आदिम जाति मंत्री श्री रामविचार नेताम के नेतृत्व में इस मेगा इंवेंट की व्यापक तैयारियां की जा रही है। जल्द ही इस आयोजन की तिथि भी घोषित की जाएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी स्वयं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस मेगा इवेंट से जुड़ेंगे और पीवीजीटी परिवारों से भी चर्चा करेंगे।
मेगा इवेंट एवं पीएम जनमन योजना के संबंध में आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा है कि पीएम जनमन योजना अर्थात ‘‘प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान’’ विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के संर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि अधिकतर पीवीटीजी की बसाहट अत्यंत रिमोट क्षेत्र में होने के कारण शासन की ज्यादातर योजनाओं का लाभ इस वर्ग तक पूर्ण रूप से नहीं पहुंच पाया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप पीवीटीजी के संर्वागीण विकास हेतु इस महत्वाकांक्षी योजना को लाया गया है।
मंत्री श्री नेताम ने कहा कि राज्य शासन के अधिकारी-कर्मचारी स्वयं पीवीटीजी बसाहटों का चिन्हांकन कर एवं उनके पास जाकर, उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिला रहे हैं, ताकि उन्हें भी विकास के माध्यम से राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। योजना के तहत आधार कार्ड, राशन कार्ड, पीएम जनधन खाता, आयुष्मान भारत कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम मातृ वंदन योजना, जाति प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार पत्र, बिजली, पानी, पक्की सड़क एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही सभी नोडल विभागों से प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध की गई प्रगति की ऑनलाइन एंट्री भी की जा रही है।
आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री नेताम के निर्देश अनुरूप विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा एवं सचिव सह आयुक्त श्री नरेन्द्र कुमार दुग्गा के कुशल नेतृत्व में मिशन मोड में पीवीटीजी बसाहट वाले राज्य के 18 जिलों में कार्य किया जा रहा है। जिला कलेक्टरों को समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए पीवीटीजी बसाहटों में विशेष कैंप लगाकर पीवीटीजी हितग्राहियों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है, इसकी मॉनीटरिंग हेतु मुख्यालय से अधिकारियों द्वारा दौरा भी किया जा रहा है।
प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा 27 अगस्त को बिलासपुर के कोटा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम करका एवं कुरदर में आयोजित शिविर में शामिल हुए एवं पूरे कार्यक्रम में सहभागिता की एवं स्थानीय बैगा जनजाति के सदस्यों तथा अधिकारियों से चर्चा कर विभिन्न गतिविधियों की प्रगति की जानकारी ली। इस अवसर पर जिला कलेक्टर बिलासपुर भी उपस्थित थे। इसी प्रकार श्री दुग्गा नारायणपुर जिले में अबुझमाड़ अंतर्गत कोहकामेटा में आयोजित पीएम जनमन शिविर में शामिल हुए एवं कार्यकम में हितग्राहियों से संवाद किया तथा स्थानीय प्रशासन को विभिन्न गतिविधियों में बसाहटों तथा हितग्राहियों को संतृप्त करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला कलेक्टर नारायणपुर एवं वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
अब तक 66540 पीवीटीजी हितग्राहियों ने करवाया पंजीयन
दूसरे चरण के अंतर्गत अब तक प्रदेश स्तर पर 18 पीवीटीजी बसाहटों वाले जिलों में कुल 662 कैम्प लगाए गए हैं, इनमें अभी तक 66540 पीवीटीजी हितग्राहियों ने अपना पंजीयन करवाया है। प्राप्त जानकारी अनुसार इसमें 3569 हितग्राहियों का आधार कार्ड, 4824 हितग्राहियों का आयुष्मान भारत कार्ड, 1320 हितग्राहियों को पीएम किसान सम्मान निधि, 934 हितग्राहियों का किसान क्रेडिट कार्ड, 1764 हितग्राहियों का पीएम जनधन योजना, 234 हितग्राहियों को पीएम मातृ वंदन योजना, 2320 हितग्राहियों का राशन कार्ड, 1350 हितग्राहियों का जाति प्रमाण-पत्र, 731 हितग्राहियों का वन अधिकार पटटा बनाकर लाभान्वित किया जा चुका है। इसके अलावा 2997 पीवीटीजी बसाहटों में सुंदर वॉल पेंटिग भी गई है। दूसरा चरण 23 अगस्त से प्रारंभ होकर 10 सितंबर तक चलेगी।
दूसरे चरण में पीवीटीजी हितग्राहियों को आकर्षित करने हेतु 290 कैम्प वेन्यू पर सेल्फी प्वाइंट बनाए गए हैं, योजना के प्रचार-प्रसार हेतु 1776 होर्डिंग्स, पोस्टर, बैकड्रॉप कैम्प वैन्यू पर लगाए गए हैं, इनमें योजना अंतर्गत दिए जाने वाले लाभ की संक्षिप्त जानकारी बहुत ही सारगर्भित ढंग से प्रदर्शित की गई है।
उल्लेखनीय है कि योजना अंतर्गत 9 केन्द्रीय मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाना है, इनमें पक्के घर का प्रावधान, पक्की सड़क, नल से जल/समुदाय आधारित पेयजल, छात्रावासों का निर्माण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषण प्रदाय शामिल हैं। इसी प्रकार बहुउददेशीय केन्द्रों का निर्माण, घरों का विद्युतीकरण (ग्रिड तथा सोलर पावर के माध्यम से), वनधन केन्द्रों की स्थापना, इंटरनेट तथा मोबाइल सर्विस की उपलब्धता और आजीविका संवर्द्धन हेतु कौशल विकास शामिल हैं। कुल मिलाकर विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों एवं उनकी बसाहटों का संपूर्ण विकास करना ही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। इन सभी गतिविधियों का क्रियान्वयन मिशन मोड में तीन वर्ष की अवधि में पूर्ण कर सभी बसाहटों को आवश्यकतानुसार अधोसरंचनात्मक रूप से सुदृढ़ बनाना है।
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