सुप्रीम कोर्ट ने फिर से ‘बुलडोजर न्याय’ की आलोचना करी

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भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर देश में "बुलडोजर न्याय" की अवधारणा की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे देश में जहां कानून सर्वोच्च है, इस तरह की विध्वंस की धमकियां अकल्पनीय हैं। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि अदालत उन कार्यों से अनभिज्ञ नहीं रह सकती जिन्हें “देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने” के रूप में देखा जा सकता है।

गुजरात के खेड़ा जिले में एक परिवार के सदस्य की आपराधिक घटना में कथित संलिप्तता के कारण पैतृक मकान को ध्वस्त करने के प्रयास से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कड़ी टिप्पणियां कीं।


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