इस चुनाव में तेजस्वी यादव का उदय

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इस चुनाव में तेजस्वी यादव ने जिस तरह महागठबंधन का नेतृत्व सँभाला, उसे देखकर उनके लिए कई संभावनाएँ पैदा होती हैं। तेजस्वी यादव भले लालू यादव के बेटे हों लेकिन हमें यह मानने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए कि यह चुनाव उन्होंने अपने दम पर लड़ा है।

तेजस्वी इस चुनाव में बिना किसी बैसाखी के लड़े

तेजस्वी ने यह चुनाव न सिर्फ़ अपने पिता लालू की बैसाखी के बिना लड़ा बल्कि अपने पिता की बनी-बनाई "सामाजिक न्याय"की बैसाखी के बिना भी लड़ा। उन्होंने बेरोज़गारी के मुद्दे को पकड़ा और "आर्थिक न्याय" की बात की। उनका 10 लाख नौकरियों का मुद्दा इतना प्रचारित हुआ कि विपक्षी पार्टियों को उसके जवाब में कुछ न कुछ बोलना ही पड़ा। नीतीश ने जहाँ 10 लाख नौकरियों के वादे को बोगस बताया वहीं बीजेपी ने कहा कि अगर तेजस्वी 10 लाख नौकरी देने की बात कर रहे हैं तो वो 19 लाख रोज़गार देगी।


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