बिहार चुनाव में वामदलों का "पुनर्जन्म"

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बिहार चुनाव में वामदलों के प्रदर्शन ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। सोशल मीडिया में चुटकुले चलते थे कि भारत में वामपंथ अब सिर्फ़ केरल और जेएनयू में बचा है लेकिन बिहार के नतीजों ने बताया कि भारत में लेफ़्ट अभी ज़िंदा है। वाम दलों और आरजेडी के गठबंधन का फ़ायदा दोनों ही पार्टियों को मिला।हिंदी हार्टलैंड कहे जाने वाले उत्तर भारत में लेफ़्ट का उदय बिहार चुनाव से समझा जाने वाला एक महत्वपूर्ण विषय है। अगर आरजेडी ने कांग्रेस के बजाय ज़्यादा सीटें लेफ़्ट को दी होतीं तो शायद महागठबंधन को ज़्यादा फ़ायदा होता। आम जनता का एक बड़ा वर्ग लेफ़्ट पार्टियों को कहीं न कहीं "देशद्रोही" वाली छवि से जोड़कर देखता है।ऐसे में विशेषज्ञों उम्मीद जताते हैं कि बिहार चुनाव से वामपंथी दलों की छवि को कुछ फ़ायदा तो ज़रूर पहुँचेगा।
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