सऊदी अरब के इस फ़ैसले से 25 लाख से ज़्यादा भारतीयों को होगा फ़ायदा

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सऊदी अरब के मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय ने बुधवार को विदेशी कामगारों को लेकर श्रम क़ानून में अहम सुधारों को शामिल कर लिया है. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन- सलमान के विज़न-2030 और नेशनल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम के तहत ये फ़ैसला लिया गया है। इसके तहत विदेशी कामगारों को अतिरिक्त अधिकार मिलेंगे। सऊदी अरब इस इलाक़े में भारत का अहम रणनीतिक साझेदार है। सऊदी अरब में 26 लाख भारतीय काम करते हैं। रियाद में आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सऊदी अरब के मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय ने कहा कि श्रम क़ानून में सुधार मार्च 2021 से लागू हो जाएंगे। इस सुधार के कारण विदेशी कामगार नौकरी बदल सकेंगे और अपने मन से नौकरी छोड़ वापस जा सकेंगे। अब इस मामले में सऊदी अरब के श्रम क़ानून आड़े नहीं आएंगे. सऊदी अरब इस सुधार के ज़रिए बेस्ट टैंलेंट को आकर्षित करना चाहता है और अपने बाज़ार में एक प्रतिस्पर्धी माहौल बनाना चाहता है। इससे लोग अपना खर्च बढ़ा पाएंगे और बाज़ार में प्रतियोगिता का महौल बनेगा. सऊदी अरब चाहता है कि लोकल लेबर मार्केट में ऐसा माहौल हो जिससे काम देने वालों के साथ कामगारों को भी फ़ायदा हो। इस सुधार से जो अहम बदलाव होंगे उनमें विदेशी कामगार नौकरी बदल सकेंगे। ख़ुद से एक्ज़िट और री- एंट्री के वीज़ा का अनुरोध कर सकेंगे और फ़ाइनल एग्ज़िट वीज़ा पर भी उनका पूरा अधिकार होगा।अब इन सबके लिए नियोक्ता से अनुमति की ज़रूरत नहीं होगी. सभी को ऑटोमैटिक मंज़ूरी मिल जाएगी।
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