नीति आयोग के अधिकारियों ने की गोधन न्याय योजना की सराहना, गौठानों का किया अवलोकन

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 रायपुर : नीति आयोग नई दिल्ली के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी ग्राम योजना के तहत रोजगार सृजन एवं गांवों के विकास के लिए किए जा रहे कार्याें की सराहना की है। नीति आयोग की सलाहकार संयुक्ता समद्दर व उनके सहयोगी ने सरकार की इस अनूठी योजना के सफल क्रियान्वयन और रोजगार सृजन के कार्याें को देखकर प्रसन्नता जाहिर की है। उन्हें यह जानकार खुशी हुई कि गांववासियों द्वारा सुंदर, आकर्षक और उपयोगी वस्तुएं बनाई जा रही है। 

    नीति आयोग भारत सरकार की सलाहकार संयुक्ता समद्दर ने अपने सहयोगियों के साथ रायपुर जिले के ग्राम सेरीखेड़ी और बैहार स्थित गौठानों का अवलोकन किया और स्व सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत की। महिलाओं ने बताया कि सेरीखेड़ी के आजीविका केन्द्र में समूहों की महिलाओं द्वारा साबुन, सैनेटाईजर, अगरबत्ती निर्माण, मशरूम उत्पादन एवं सिलाई-कडाई का कार्य किया जा रहा है। इस केन्द्र के माध्यम से लगभग 200 से अधिक महिलाओं को रोजगार मिला है। ग्रामीण केन्द्रों में उत्पादित सामग्री के प्रभावी मार्केटिंग के लिए राज्य शासन द्वारा कार्ययोजना बनाई गई है। जिससे इन केन्द्रों में निर्मित सामग्रियों की बिक्री यथाशीघ्र हो जाती है। राज्य शासन द्वारा इन केन्द्रों को मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना और मनरेगा आदि योजनाओं के समन्वय से विकसित किया गया है। राज्य सरकार का यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रभावी कदम है। नीति आयोग के अधिकारियों ने आरंग स्थित बैहार के गौठान का भी अवलोकन किया और नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी व गोधन न्याय योजना की जानकारी प्राप्त की। 

    मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी एवं गोधन न्याय योजना के संबंध में नीति आयोग के अधिकारियों को बताया कि गौठानों में पशुओं का संरक्षण, संवर्धन हो रहा है। गौठानों में गोबर से बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है। स्व सहायता समूह के माध्यम से गमला, दीया, अगरबत्ती, मास्क आदि सामग्रियों का निर्माण किया जा रहा है। इससे कोविड-19 के कठिन दौर में भी गांव वासियों को अतिरिक्त आय हुई है। भ्रमण के दौरान नीति आयोग के अधिकारीगण डॉ. नीतू गोरड़िया, मुक्तेश्वर सिंह मौजूद थे। 


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