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प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से बचने के लिए कृषकगण 15 दिसंबर तक बीमा करा सकते हैं
रायपुर:प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आरबी 2020-21 के तहत रबी फसलों को प्रतिकूल मौसम जैसे - सूखा, बाढ़, कीट व्याधि, ओलावृष्टि, प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से बचने के लिए कृषकगण 15 दिसंबर 2020 तक बीमा करा सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत ऋणी और अऋणी किसान जो भू-धारक व बटाईदार हो सम्मिलित हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ऋणी किसान की आर्थिक आधार पर फसल बीमा करा सकते हैं। किसान को निर्धारित प्रपत्र में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2020 के 7 दिन पूर्व संबंधित बैंक में अनिवार्य रूप से जमा करना। किसान द्वारा निर्धारित रूपों में घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर संबंधित बैंक द्वारा संबंधित मौसम के लिए स्वीकृत या संशोधित की गई अल्पकालीन कृषि ऋण का अनिवार्य रूप से बीमा किया जाना है।
अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी गैर ऋणी किसान, जो योजना में सम्मिलित होने के इच्छुक हो। वे बुआई पुष्टि प्रमाण पत्र क्षेत्रीय पटवारी या ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित कराकर और अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर योजना में सम्मिलित हो सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आरबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत कृषक प्रीमियम राशि निर्धारित की गई है। जिसके तहत कृषक को प्रति हेक्टेयर चना फसल के लिए 487 रूपए और विचारित गेहूं की प्रति हेक्टेयर फसल के लिए 506 रूपए प्रीमियम होगी। गेहूं असिंचित के लिए फसल हेतु 304 रूपए, अलसी फसल के लिए 190 रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से प्रीमियम शुल्क।
बीमा योजना के तहत ऋणी किसानों का बीमा संबंधित बैंक, सहकारी समिति द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाएगा। उन्हें केवल घोषणा और बुवाई प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। अऋणी किसानों को बैंक, सहकारी समिति और लोक सेवा केन्द्र में बीमा प्रस्ताव फार्म, नवीनतम आधारकार्ड, बैंक पासबुक, भू-स्रोत साक्ष्य बी -1 पांचसाला या साझेदार या साझेदार किसान का दस्तावेज, बुवाई प्रमाण पत्र और घोषणा पत्र देकर बीमा करा सकते हैं।
किसानों द्वारा फसल बीमा कराने के लिए अपनी संबंधित समिति, संबंधित बैंक, बीमा प्रदाय कंपनी (एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड), लोक सेवा केंद्र के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। एक की अर्चित क्षेत्र और सशस्त्र फसल के लिए अलग-अलग वित्तीय संस्थाओं से कृषि ऋण स्वीकृत होने की स्थिति में कृषक को एक ही स्थान से बीमा कराया जाना है। इसकी सूचना कृषक को संबंधित बैंक को देनी होगी। ऋणी एवं अऋणी किसानों के द्वारा समान रकबा, खसरा को दोहरा बीमा उपलब्ध कराने की स्थिति में किसान के सभी दस्तावेज को निरस्त करने का अधिकार बीमा कंपनी के पास होगा। किसान द्वारा सशस्त्र फसल के नाम में परिवर्तन करने के लिए संबंधित बैंक में लिखित रूप से बोनी प्रमाण पत्र, बीमा आवेदन की अंतिम तिथि के दो दिन पूर्व जमा कर फसल परिवर्तन कर सकता है। फसल बीमा कराने के लिए सभी ऋणी और अऋणी किसानों को आधार कार्ड की नवीनतम छायाप्रति संबंधित बैंक या संस्थान को अनिवार्य रूप से जारी करने से होगा। आधार कार्ड उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में फसल बीमा नहीं किया जा सकेगा।
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