बीजापुर : जेलों में बंद आदिवासियों को तत्काल रिहा कर अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे को निभाए भूपेश सरकार – कमलेश झाड़ी

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बीजापुर । छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार ने 2018 की चुनाव में अपने घोषणा पत्र में किए गए वादे पूरे नही कर छत्तीसगढ़ की जनता को बेवकूफ़ बनाने का काम किया है। बस्तर के माओवादी प्रभावित गांवों के हजारों की संख्या में लोग अनेक गंभीर अपराधिक मामलों में जेल में बंद है ‌जिस पर निर्मला बुच कमेटी को अध्ययन व जांच कर जो निर्दोष आदिवासी हैं,उन्हें छोड़ने के लिए सरकार को सुझाना था। वह काम आगे नहीं बढ़ पाया। फिर 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपना चुनाव घोषणा पत्र में इस मुद्दे को अहमियत से शामिल किया था। सरकार बनने के बाद इस पर न्यायाधीश पटनायक कमेटी बना दी गई है। इसमें मजेदार बात यह है कि दोनों कमेटियों ने एकरूपता , समानता दिखाते हुए प्रदेश में आबकारी मामलों में जेलों में बंदी है,उन्हें छोड़ने के लिए सिफारिश किया ‌। दोनों सरकार यानि डॉ.रमन व भूपेश सरकार ने इन्हें जेलों से छुड़ाकर प्रशंसा बटोरने का नाकाम कोशिश किए और कर रहे हैं।असल मुद्दा नक्सली मामलों में जो निर्दोष आदिवासी जेलों में बंद है,उन्हें छोड़ना था। सरकार बदलने का इस मामले में कोई भी बदलाव नही हुआ ।अर्थात आदिवासियों को बेवकूफ़ बनाने की प्रक्रिया अब भी बदस्तूर जारी है। जिसका खामियाजा बस्तर के आदिवासी भुगत रहे हैं। इस ज्ञापन देने के दौरान मुख्य रूप से सीपीआई के वरिष्ट कामरेड कोवा राम हेमला, संजय झाड़ी, गुंडा तेलाम, युवा साथी प्रकाश गोटा,बोज्जा राम गोटा, (उपसरपंच),मुन्ना राम मिच्छा, संनुराम गोटा।आदि लोग उपस्थित रहे।। इन सारे मामलों को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला परिषद बीजपुर सरकार से माँग करती है कि अविलंब निः शर्त इन मांगों को जन हित मे पूर्ण करें।अन्यथा आने वाले दिनों में cpi आंदोलन के लिए बाध्य होगी जिसकी सम्पूर्ण जवाबदेही सरकार की होगी।।
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