रिटायरमेंट के बाद एकाउंटेंट को न पेंशन मिली न ग्रेच्युटी, उच्च शिक्षा आयुक्त को अवमानना नोटिस

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छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग से रिटायर्ड एकाउंटेंट कोरोना लॉकडाउन के चलते आर्थिक तंगी से जूझता रहा, लेकिन न तो उसे पेंशन मिली और न ही ग्रेच्युटी। यहां तक कि हाईकोर्ट का आदेश भी काम नहीं आया।अब कोर्ट ने इस मामले में शुक्रवार को उच्च शिक्षा आयुक्त शारदा वर्मा को अवमानना नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में हुई। दरअसल, उमेश पाठक उच्च शिक्षा विभाग में एकाउंटेंट ग्रेड- 1 पद से 31 अगस्त 2019 को रिटायर्ड हुए थे। उन्होंने अधिवक्ता हर्षल चौहान के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की। इसमें बताया कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें ग्रेच्युटी राशि नहीं दी गई। पेंशन का भी निर्धारण नहीं किया, बल्कि 8 माह बाद 1,56 लाख रुपए का वसूली आदेश निकाल दिया। इस आदेश को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी। 31 अगस्त को कोर्ट ने आदेश दिया, 3 सितंबर को विभाग के पास कॉपी पहुंच। कोर्ट ने 31 अगस्त 2020 को उच्च शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता का इंटैरिम पेंशन आदेश की कॉपी मिलने के 30 दिन के भीतर शुरू करें। साथ ही विवादित राशि छोड़कर शेष भुगतान किया जाए। याचिकाकर्ता ने 3 सितंबर को विभाग में आवेदन प्रस्तुत किया। इसके बाद भी भुगतान नहीं होने पर विभाग के संचालक,आयुक्त सहित अन्य के खिलाफ अवमानना याचिका दायर किया ।
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