भारत में एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन से कथित रिएक्शन की जांच, पर ट्रायल जारी

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च एस्ट्राज़ेनेका के कोविड-19 वैक्सीन परीक्षण के दौरान हुए एक कथित प्रतिकूल रिएक्शन की जांच कर रहा है,लेकिन फिलहाल ट्रायल जारी रहेगा। समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार आईसीएमआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा कि इसे रोकने की सिफारिश करने का कोई कारण नहीं मिला है। 40 वर्षीय एक शख़्स ने शिकायत की कि ब्रिटेन की दवा कंपनी एस्ट्राज़ेनेका के सहयोगी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की ओर से चलाए जा रहे ट्रायल में जब उन्हें वैक्सीन दी गई तो इसके बाद उन्हें गंभीर "न्यूरोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल" लक्षणों का सामना करना पड़ा। ट्रायल में शामिल रिसर्च बॉडी आईसीएमआर के महामारी विज्ञान और संचार रोगों के प्रमुख समीर पांडा ने रॉयटर्स से कहा,"इस चरण में चिंता का कोई तत्काल कारण नहीं है" उन्होंने कहा, "इसका मतलब ये नहीं है कि दीर्घकालिक मूल्यांकन नहीं होगा, ये अभी भी हो रहा है. मुझे मामले की जानकारी है" एस्ट्राज़ेनेका और भारत में ड्रग और वैक्सीन को मंज़ूरी देने के लिए ज़िम्मेदार संस्था ड्रग कंट्रोलर जनरल इंडिया ने अब तक इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि लॉ फर्म एन.जी.आर. प्रसाद और आर. राजाराम एडवोकेट्स ने अनाम वॉलंटियर की तरफ से आईसीएमआर, एसआईआई,एस्ट्राज़ेनेकाऔर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया को एक शिकायत भेजी है,जिसमें मुआवज़े में पांच करोड़ रुपये और वैक्सीन के परीक्षण, निर्माण और वितरण को स्थगित करने की मांग की गई है। एसआईआई ने कहा, "सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को वॉलंटियर की मेडिकल स्थिति से सहानुभूति है, लेकिन इसका वैक्सीन परीक्षण के साथ कोई संबंध नहीं है।


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