दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना जारी

राजधानी के 5 एंट्री प्वाइंट्स को ब्लॉक करने का ऐलान

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दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के धरने का आज पांचवां दिन है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को सिंधु बॉर्डर से हटने से इनकार कर दिया है। इस के साथ ही किसान संगठनों के नेताओं ने देश की राजधानी में प्रवेश के सभी 5 रास्तों को बंद करने की चेतावनी दी है। किसान संगठनों ने दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में आने पर बातचीत करने की सरकार की अपील को ठुकराते हुए कहा कि वे दिल्ली की सीमाओं पर ही डटे रहेंगे। भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरेंद्र सिंह लाखोवाल ने कहा कि सभी किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि वे सिधु बॉर्डर पर ही बैठे रहेंगे और आने वाले दिनों में दिल्ली की ओर जाने वाली अन्य सड़कों को भी जाम करेंगे, उन्होंने कहा कि यह पंजाब के 30 किसान संगठनों का फैसला है। प्रदर्शनकारी किसान जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की इजाजत मांग रहे हैं. लेकिन केंद्र ने कोरोना गाइडलाइंस का हवाला देते हुए उन्हें प्रदर्शन देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों से दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड आकर प्रदर्शन करने की अपील करते हुए उन्हें आश्वासन दिया था कि बुराड़ी ग्राउंड शिफ्ट होने के दूसरे दिन ही भारत सरकार उनके साथ चर्चा के लिए तैयार है। किसान संगठनों की कोर कमेटी की बैठक के बाद पंजाब में भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने दिल्ली के पांच प्रवेशद्वारों को जाम करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, हम बुराड़ी नहीं जाएंगे और आगे दिल्ली की तरफ आने वाली पांच सड़कों को जाम करेंगे। बता दें कि सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर हजारों की तादाद में किसान 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। इधर, उत्तर प्रदेश से दिल्ली में प्रवेश करने वाली मुख्य स्थित गाजीपुर बॉर्डर पर भी रविवार को किसान प्रदर्शन कर रहे थे। किसान नेताओं के मूड को देखते हुए केंद्र सरकार और बीजेपी सक्रिय हो गई है। रविवार को रात को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर हाई लेवेल मीटिंग भी बुलाई गई इसमें गृह मंत्री अमित शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हुए. यह बैठक करीब 2 घंटे चली।


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