दंतेवाड़ा/गीदम : सेवानिवृत्त शिक्षिका एवं शिक्षक भाई के विरूद्ध फर्जी जाति के सहारे नौकरी करने का आरोप, कलेक्टर को दस्तावेज सौंप जांच की मांग की..

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दंतेवाड़ा । 62 वर्ष तक बच्चों को शिक्षा प्रदान कर सेवा से निवृत्त हो चुकी एक शिक्षिका पर फर्जी जाति के सहारे नौकरी हथियाकर नौकरी करने का गंभीर आरोप अब लगा है। साथ ही सेवा निवृत्त शिक्षिका के भाई जो स्वयं भी सहायक शिक्षक है, उस पर भी फर्जी जाति से नौकरी करने का सनसनीखेज आरोप शिकायतकर्ता द्वारा लगाया गया है। मामले की लिखित शिकायत कलेक्टर दंतेवाड़ा से कर जांच की मांग की गई है। कहते हैं कि शिक्षक एक दीपक की तरह होता है, जो स्वयं जलकर दूसरों को रोशनी प्रदान करने का काम करता है। अगर उसी शिक्षक पर फर्जीवाड़ा का आरोप लगे तो यकीनन मामला गंभीर हो जाता है। फर्जी जाति के सहारे नौकरी करने का मामला गीदम ब्लाक का है। गीदम के वार्ड क्रमांक 9 के निवासी सूरजनभान सिंह ने इसी माह के 18 तारीख को एक लिखित शिकायत साक्ष्य दस्तावेज समेत कलेक्टर दंतेवाड़ा को सौंपकर उ0श्रे0शि0 सुभाष चंद्र नाग एवं सेवा निवृत्त शिक्षिका कु0 बसंती नाग पर जाति बदलकर नौकरी हथियाने का आरोप मढ़ा है और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। शिकायतकर्ता सूरज भान ने अपने आरोप में कहा है कि सितंबर में सेवा निवृत्त हो चुकी उ0श्रे0शिक्षिका कु0 बसंती नाग व उसके भाई उ0श्रे0शि0 सुभाष चंद्र नाग ने अपनी जाति बदलकर पिछड़ा वर्ग से अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र बनवाकर 60 वर्ष तक नौकरी किया है और शासन प्रशासन के आंखों में धूल झोंका है। लिहाजा इन पर कानुनी कार्यवाही होना चाहिए। शिकायतकर्ता के मुताबिक 25 सितंबर 1978 में कु0 बसंती नाग की नियुक्ति शिक्षिका पद पर हुई थी। उस दौरान इनके सेवा पुस्तिका के दस्तावेज में इनकी जाति गोंड अंकित था। बाद में वर्ष 2001 में विभाग की सेवा पुस्तिका में कूट रचना कर जाति हल्बा अंकित कराया गया है। वर्ष 2001 में एसडीएम कार्यालय से बनवाया गया जाति प्रमाा पा में जाति हल्बा उेखित करवाया गया है। कु0 बसंती नाग के सरकारी दस्तावेज में किसी में जाति गोंड अंकित है तो किसी में हल्बा। जबकि राजस्व संशोान पंजी 1963 से लेकर 1984 तक के सभी दस्तावेज में इनकी जाति पनारा पि0वर्ग अंकित है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कु0 बसंती नाग की वास्तविक जाति पनारा है जबकि जाति बदलवाकर इहोने नौकरी हथियाई है। इसी प्रकार कु0 बसंती नाग के छोटे भाई सुभाष चंद्र जो वर्तमान में उ0ो0शि0 के पद पर प्रा0शा0बा0आ0कारली में पदस्थ हैं इन पर भी ये आरोप है कि ये भी जाति बदलकर नौकरी कर रहे हैं। शिकायतकर्ता सूरजभान ने बताया कि उन्होने सूचना के अधिकार के तहत तमाम दस्तावेज कार्यालयों से प्राप्त किया है जिसके आधार पर यह प्रमाणित होता है कि सेवा निवृत्त उ0श्रे0शिक्षिका कु0 बसंती नाग एवं उसके भाई सुभाष चंद्र नाग ने दस्तावेजों में कूटरचना कर जाति बदलवाया है जो सिविल सेवा आचरण नियम के विरूद्ध है लिहाजा इनकी जांच होनी चाहिए और सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए। गौरतलब है कि बस्तर संभाग में फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी करने के अनेकों प्रकरण अब तक सामने आ चुके हैं। जांच में कई लोगों को नौकरी तक से हाथ धोना पड़ा है। कई डिफाल्टरों को सजा भी हुई है और आज भी कई लोग फर्जी जाति मामले में कानुनी दांव पेंच में फंसे हुए हैं और न्यायालय के चक्कर काट रहे हैं। सेवा निवृत्त उ.श्रे. शिक्षिका कु. बसंती नाग एवं उ.श्रे. शिक्षिक सुभाष चंद्र नाग के जाति संबंधी जांच के लिए कलेक्टर के यहां से पत्र प्राप्त हुआ है। मामले की जांच का जिमा हमने गीदम बीईओ को सौंपा है, वो पूरे मामले की गहराई से जांच कर जल्द ही अपनी रिपोर्ट जिला शिक्षा कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। जांच में जो भी तथ्य निकलकर सामने आएगा उस रिपोर्ट को कलेक्टर सर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। (राजेश कर्मा) जिला शिक्षा अधिकारी, दंतेवाड़ा हमारे ऊपर लगाया गया आरोप पूरी तरह से गलत है। शिकायतकर्ता की हमसे व्यक्तिगत लड़ाई है। द्वेषभावनावष उनके द्वारा हमारे उपर अर्नगल आरोप लगाया गया है। मेरे पिता स्व.श्री लुदूराम हल्बा जाति से थे और मेरी जाति भी हल्बा ही है। राजस्व के मिसेल रिकार्ड में भी हमारी जाति हल्बा ही अंकित है। ये मध्य के कुछ कार्यकाल में त्रुटिवश जाति पनारा अंकित हो गया है। पहले भी हमने एसडीएम कार्यालय में जाति संबंधी सारे दस्तावेज जमा किए हैं। कलेक्टर के पास पुन: शिकायत किया गया है। हम जांच के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। फर्जी जाति बनाकर नौकरी करने का आरोप पूरी तरह झुठा एवं बेबुनियाद है। (कु0 बसंती नाग) सेवा निवृत्त शिक्षिका (सुभाष चंद्र नाग) उ0श्रे0शिक्षक
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