36 साल पहले हुए भोपाल गैस कांड का दंश तीसरी पीढ़ी अभी भी भुगत रही

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भोपाल : मध्य प्रदेश के भोपाल में वर्ष 1984 में हुए गैस कांड का दंश वर्तमान समय में तीसरी पीढ़ी भी भुगत रही है। 2-3 दिसंबर की रात यूनियन कार्बाइड के कारखाने से रिसी गैस का कुप्रभाव इतना अधिक था कि अब भी भोपाल की जेपी नगर व आसपास की करीब 48 बस्तियों में बच्चे कमजोर व बीमार पैदा होते हैं। इनमें कई ऐसे हैं जो सुन नहीं पाते, अपने ही सहारे चल-फिर नहीं सकते। कई बच्चे ऐसे भी हैं जो सुनते हैं, लेकिन समझते नहीं, जबकि कुछ मानसिक रूप से कमजोर हैं। कुछ तो ऐसे हैं जो जन्म के बाद से बिस्तर पर हैं। बता दें कि भोपाल गैस कांड में यूनियन कार्बाइड कारखाने (अब मालिक कंपनी डॉव केमिकल्स) से जहरीली गैस मिथाइल आइसो साइनाइट (मिक) रिसी थी। उस हादसे में हजारों लोगों की मौत हुई थी और लाखों प्रभावित हुए थे।


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