पुराने कर्मचारियों ने कंपनी के नाम से फर्जी खाता खोल 21 लाख रुपए हड़पे,7 नगर पालिका CEO पर भी आरोप

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में वॉटर ATM लगाने वाली कंपनी से उसके ही पुराने कर्मचारियों ने 21 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर दी।आरोप है कि इसमें जिन नगर पालिकाओं के साथ कंपनी काम कर रही थी,उनके CEO भी इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं। आरोपियों ने कंपनी के नाम से फर्जी एकाउंट खोलकर रुपयों की बंदरबांट की है। इस संबंध में सरकंडा थाने में मामला दर्ज कराया गया है।

जानकारी के मुताबिक, नागपुर महाराष्ट्र स्थित राइट वॉटर सॉल्यूशन्स इंडिया प्राईवेट लिमिटेड का 7 साल के लिए शहरी प्रशासन एवं विकास निदेशालय से अनुबंध ११ कंपनी विभिन्न नगर पालिकाओं में वॉटर ATM इंस्टालेशन, कमीशनिंग और मैंटेनेंस का काम साल 2017 कर रही है। कंपनी के खाते SBI और महाराष्ट्र बैंक की शाखा में है। अनुबंध के तहत 85 फीसदी राशि एक वर्ष में जमा करनी है।

बिलासपुर स्थित विजया बैंक की शाखा में कंपनी का फर्जी खाता खोला गया

कंपनी की ओर से अधिकृत नागपुर निवासी अभय देशपांडे ने पुलिस को बताया कि लुंड्रा नगर पालिका से भुगतान लंबित होने के कारण जब संपर्क किया गया तो CEO व अन्य कर्मचारियों ने बिलासपुर स्थित विजया बैंक के राइट वाटर सॉल्यूशन के खाते में सितंबर 2019 में RTGS के माध्यम से 3,09,225 रुपए ट्रांसफर करने की जानकारी दी। इस खाते का संचालन रजनीश कुमार पटेल कर रहा है।

 

अगस्त 2019 से सितंबर 2020 तक फर्जी खाते में जमा कराए गए रुपए कंपनी का आरोप है कि धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए उस खाते को खोला गया है।इसके बाद अगस्त 2019 से सितंबर 2020 तक 7 नगर पालिकाओं (नगर पंचायत कटघोरा, अड़भार, नगर पंचायत, नगर पालिका मुंगेली, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका किरोड़ीमल नगर, CEO टुंड्रा) ने कंपनी के भुगतान की राशि 20,98,098 रुपए इस खाते में जमा कराई।

इस तरह से रुपयों की बंदरबांट का है आरोप

आरोपी रजनीश कुमार पटेल ने 98,000 रुपए कंपनी के पूर्व कर्मचारी संदीप सिंह चंदेल और 2.2 लाख रुपए राघवेंद्र तिवारी के खाते में भुगतान किया। वहीं संदीप की पत्नी सुषमा सिंह के खाते में भी 35 हजार रुपए और खुद की पत्नी ललिता पटेल के खाते में 20 हजार रुपए ट्रांसफर करने का आरोप है। सभी पर दुर्ग में भी फर्जी खाता खोलकर गबन का आरोप है। इस मामले में भी दुर्ग थाने में FIR दर्ज कराई गई है।


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