किसान आंदोलन का 10वां दिन -किसान और सरकार के बीच पांचवे दौर की बातचीत आज

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कृषि क़ानूनों के लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच आज किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांचवे दौर की बैठक होगी।

इससे पहले गुरुवार को किसानों और सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में चौथे दौर की बातचीत बेनतीजा ख़त्म हुई थी।

अब तक हुई बैठकों में सरकार और किसानों के बीच किसी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है। गुरुवार को हुई चौथे दौर की बातचीत में 40 किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने सरकार को संसद का विशेष सत्र आयोजित करके तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने की सलाह दी थी।

 इधर बड़ी संख्या में किसान दिल्ली को दूसरे राज्यों से जोड़ने वाली सीमा पर कई जगहों पर मौजूद हैं।

 किसान नए कृषि क़ानूनों को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नए कृषि क़ानून किसान विरोधी हैं और ये फसलों पर मिलने वाले सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य को ख़त्म कर देंगे जिसकी वजह से उन्हें बड़ी-बड़ी कम्पनियों के भरोसे रहना होगा।

 वहीं, सरकार का कहना है कि नए क़ानूनों से किसानों को बेहतर मौक़े मिलेंगे और कृषि को नई तकनीक।

 चौथे दौर की बातचीत के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार में कोई अहंकार नहीं है और वो किसानों के मसलों पर खुले दिमाग से विचार कर रही थी। उन्होंने कहा था कि बैठक में जो बिंदु उठाए गए हैं सरकार उन पर चर्चा करेगी और उम्मीद है कि अगली बैठक में बातचीत किसी नतीजे पर पहुंचेगी।


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