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कोई भी बेटा अपनी निःशक्त मां को किसी भी हालात में सड़क पर नहीं छोड़ सकता- डॉ किरणमयी नायक
रायपुर - छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ किरणमयी नायक ने विगत तीन दिनों में 60 नियमित प्रकरणों एवं नये प्रकरणों पर की सुनवाई । आज हुए सुनवाई में आयोग के समक्ष उल्लेखनीय प्रकरणों के एक प्रकरण में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक जी के द्वारा अनावेदक को उसके पुत्री की शिकायत पर प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए यह निर्देशित किया कि संपत्ति से संबंधित उचित दस्तावेज आगामी तिथि पर आवश्यक रूप से प्रस्तुत करें अन्यथा अनावेदक के विरुद्ध सक्षम कार्यवाही किया जाएगा इसके अतिरिक्त उल्लेखनीय है कि आयोग के बार-बार निर्देश के बावजूद अनावेदक आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हो कर लगातार गुमराह करते हुए दस्तावेज की असल प्रति प्रस्तुत नहीं कर रहा था जिस पर आयोग ने पुत्री की शिकायत पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए कड़ी चेतावनी दीया की आवश्यक रूप से आगामी तिथि पर अपना पक्ष व दस्तावेज सहित प्रस्तुत करें। इसके अतिरिक्त पत्नी की अपने पति और ससुराल वालों के विरुद्ध मानसिक, शारीरिक प्रताड़ना तथा मारपीट की शिकायत की है जिस पर आयोग ने पति पत्नी को अपने संबंध सुधारने के लिए एवं एक दूसरे को मौका दिए जाने के लिए एक नए अवसर की समझाइश के साथ दिया कि वह अपने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपनी शिकायत का निराकरण करते हुए आयोग के समक्ष अपना संबंध सुधार कर हाजिर होवे इसके अतिरिक्त प्रकरण को निगरानी में रखते हुए पति को यह समझाइश दिया कि अपनी पत्नी को बिना मारपीट एवं प्रताड़ना के अपने संबंध को सुधारें तथा पत्नी और बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आपसी सामंजस्य से निराकरण करें तथा पत्नी को भी यह समझाईस दिया कि भविष्य में अपने शिकायत का निराकरण आपसी बातचीत से निकाले। एक अन्य प्रकरण में आयोग की कार्यवाही में उभय पक्षों ने राजीनामा करते हुए भविष्य में अपने संबंधों को सुधार कर अच्छे से दांपत्य जीवन निर्वहन किए जाने की बात कहते हुए अपना प्रकरण समाप्त किया। एक अन्य प्रकरण में एक निःशक्त वृद्ध महिला जिनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। डीकेएस हॉस्पिटल ने एनजीओ को महिला की देखरेख के लिए दिया था । वृद्ध महिला को पेंशन भी मिलती है, पेंशन से मिलेने वाली राशि को उनका बेटा निकालकर अपनी माँ को निःशक्त ही छोड़ देता है । एनजीओ के सदस्यों ने महिला आयोग में आवेदन दिया, जिस पर महिला आयोग ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए समिति एवं पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया कि, वृद्ध महिला के पेंशन लिए पीडब्लूडी के पेंशन विभाग में एक आवेदन प्रस्तुत करे । मां की पूरी जिम्मेदारी उनके पुत्र द्वारा उठाई जाएगी। पेंशन से मिलने वाली राशि को मां के देखरेख एवं उनके भरण पोषण के लिए है, अगर पुत्र मां की देखरेख में असफल होता है तो पेंशन निकालने की सुविधा उस से ले ली जाएगी । इस प्रकरण की संपूर्ण निगरानी संगठन के सदस्यों द्वारा की जाएगी । कोई भी बेटा अपनी निःशक्त मां को किसी भी हालात में सड़क पर नहीं छोड़ सकता ऐसी घटनाओं में आयोग हमेशा कड़े से कड़े निर्णय लेने के लिए ततपर रहेगा। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने विगत तीन दिनों में विभिन्न जिलों की महिलाओ द्वारा दिए गए आवेदनों की आयोग कक्ष में सुनवाई की। आयोग में प्रस्तुत प्रकरण में शारीरिक शोषण,मानसिक प्रताड़ना,दहेज प्रताड़ना, सम्पत्ति विवाद आदि से संबंधित थे।
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