संत बाबा राम सिंह एक सुसाइड नोट मे लिखा , नहीं देखा गया किसानों का दुख

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दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर किसानों के धरने में शामिल संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को खुद को गोली मार ली।जिस वजह से उनकी मौत हो गई. उन्होंने सिंघु बॉर्डर के पास आत्महत्या की। बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। उनका एक सुसाइड नोट भी सामने आया।

सुसाइड नोट के मुताबिक, संत बाबा राम सिंह ने किसानों पर सरकार के जुल्म के खिलाफ आत्महत्या की है। संत बाबा राम सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा है कि किसानों का दुख देखा, वो अपना हक लेने के लिए सड़कों पर हैं। बहुत दिल दुखा है। सरकार न्याय नहीं दे रही। जुल्म है. जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है।

कौन थे संत बाबा राम सिंह

65 वर्षीय बाबा राम सिंह हरियाणा के करनाल के रहने वाले थे। बताया जाता है कि हरियाणा और पंजाब के अलावा दुनियाभर में उनके लाखों की संख्या में अनुयायी हैं। वो कई सिख संगठनों में अलग-अलग पदों पर रह चुके हैं।

संत बाबा राम सिंह किसान होने के साथ धार्मिक उपदेशक भी थे। वो पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में थे और किसानों के समर्थन में आवाज उठा रहे थे। उन्होंने शिविर की भी व्यवस्था की थी और कंबल भी बांटे थे। संत बाबा रामसिंह का डेरा करनाल जिले में सिंगड़ा गांव में है। वो सिंगड़ा वाले बाबा जी के नाम से मशहूर थे।


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