किसान को गुमराह करना बंद करें राजनीतिक पार्टियां - नरेंद्र मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियों को किसानों को गुमराह करना बंद कर देना चाहिए।

मध्यप्रदेश के रायसेन में किसान कल्याण सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को कहा, "मैं सभी राजनीतिक दलों से हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं कि पूरा क्रेडिट ले लीजिए। मैं सारा श्रेय आपके पुराने चुनावी घोषणापत्रों को देता हूं। मैं बस किसानों के जीवन को आसान बनाना चाहता हूं। मैं उनकी तरक्की चाहता हूं और खेती को आधुनिक बनाना चाहता हूं।

उन्होंने कहा,मुझे खुशी है कि देशभर में किसानों ने नए कृषि सुधारों को न सिर्फ गले लगाया है बल्कि भ्रम फैलाने वालों को भी सिरे से नकार रहे।. जिन किसानों में अभी थोड़ी सी आशंका बची है उनसे मैं फिर कहूंगा कि आप एक बार फिर से सोचिए।

उन्होंने कहा,प्राकृतिक आपदा आ जाए,तो भी किसान को पूरे पैसे मिलते हैं।नए कानूनों के अनुसार, अगर अचानक मुनाफा बढ़ जाता है, तो उस बढ़े हुए मुनाफे में भी किसान की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है।फार्मिंग एग्रीमेंट में सिर्फ़ फसलों या उपज का समझौता होता है। ज़मीन किसान के ही पास रहती है, एग्रीमेंट और ज़मीन का कोई लेना-देना ही नहीं है।

प्रधानमंत्री ने कहा, नए कानून के बाद 6 महीने हो गए हैं, देश में एक भी मंडी बंद नहीं हुई है।फिर क्यों ये झूठ फैलाया जा रहा है? हमारी सरकार APMC को आधुनिक बनाने पर, उनके कंप्यूटरीकरण पर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा ख़र्च कर रही है। फिर ये APMC बंद किए जाने की बात कहां से आ गई।

प्रधानमंत्री ने दावा किया, स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने किया। अगर हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते? मैं विश्वास से कहता हूं कि हमने हाल में जो कृषि सुधार किए हैं, उसमें अविश्वास का कारण ही नहीं है, झूठ के लिए कोई जगह नहीं है। अगर पुरानी सरकारों को चिंता होती तो देश में 100 के करीब बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट दशकों तक नहीं लटकते।


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