पहली बार क्रिसमस पर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च,

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पहली बार क्रिसमस पर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च, छत्तीसगढ़ के कुनकुरी में कभी जुटते थे 10 हजार से अधिक लोग कोरोना संकट के बीच छत्तीसगढ़ में पहली बार क्रिसमस आया है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बनी सरकारी गाइडलाइन की वजह से क्रिसमस का पूरा समारोह बदला- बदला रहेगा। छत्तीसगढ़ के कुनकुरी में स्थित एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च इस बार श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह बंद रहेगा। 10 हजार से अधिक लोगों की बैठक क्षमता वाले इस चर्च में क्रिसमस पर इससे कहीं अधिक लोगों की भीड़ जुटती रही है। इस बार क्रिसमस की विशेष प्रार्थना सभा के लिए चर्च में केवल पुरोहित वर्ग मौजूद रहेगा। चर्च में क्रिसमस के लिए कोई विशेष साज-सज्जा भी नहीं हुई है। हांलाकि ईसा मसीह के जन्म की झांकी दिखाने वाली चरनी जरूर बनाई जाएगी। यह आयोजन बेहद सादगी से संपन्न करने की तैयारी है। महागिरिजाघर के प्रवक्ता प्रफुल्ल बड़ा ने बताया , इस बार क्रिसमस की तैयारियों में कोरेाना से बचने के सारे मापदंडों के हिसाब से तैयारी की जा रही हैं। चर्च में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रार्थना की जाएगी। उन्होंने बताया, महागिरजाघर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी वहा सिर्फ पुरोहित ही क्रिसमस की प्रार्थना करेंगे। लोगो के लिए लोयला स्कूल, होलीक्रॉस अस्पताल और संत अन्ना प्रॉविन्सलेट में प्रार्थना सभाओं की व्यवस्था की जा रही है। बताया जा रहा है। जशपुर जिले में इस चर्च के साथ 2 लाख से अधिक अनुयायी जुड़े हुए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि चर्च ने आयोजन को लेकर कोई दिशानिर्देश भी जारी नहीं किया है। चर्च प्रबंधन से स्थानीय प्रशासन से समन्वय कर आयोजन की तैयारी करने को कहा गया है।
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