फ़ेक एनकाउंटर का मामला कैसे सुलझा

feature-top

? एनकाउंटर के 22 दिनों के बाद सोशल मीडिया पर तीनों की तस्वीरें वायरल हुई थीं। तस्वीरों के साथ लिखा हुआ था कि आर्मी की ओर से किए गए एनकाउंटर में मारे गए ये तीन नौजवान, जिन्हें फ़ौज अज्ञात चरमपंथी बताया जा रहा है, दरअसल जम्मू जिले के राजौरी के रहने वाले मज़दूर हैं।

10 अगस्त 2020 को श्रीनगर में मौजूद आर्मी के प्रवक्ता ने बयान दिया था, हमने सोशल मीडिया पर 18 जुलाई, 2020 को हुए ऑपरेशन से संबंधित जानकारियों को नोट किया है।

उन्होंने आगे कहा था,"ऑपरेशन के दौरान मारे गए तीनों चरमपंथियों की पहचान नहीं हो पाई है। प्रोटोकॉल के हिसाब से उनके शवों को दफना दिया गया है. फ़ौज इस मामले में जांच कर रही है।

इसके एक हफ़्ते के बाद फ़ौज ने 18 अगस्त, 2020 को एक दूसरा बयान जारी किया था। इस बयान के मुताबिक, 11 अगस्त 2020 को एक उच्च स्तरीय जांच कमिटी शोपियां के अमशिपोरा में 18 जुलाई 2020 को हुए ऑपरेशन के सिलसिले में बनाई गई थी और ये कमिटी अपनी जांच में जुटी हुई है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के नेतृत्व में एक टीम राजौरी गई और वहाँ से तीनों के परिवार वालों के डीएनए सैंपल ले कर आई। 18 अगस्त वाले बयान में फ़ौज ने यह भी कहा था कि, मुख्य गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और जांच की पूरी प्रगति पर करीब से नज़र रखी जा रही है। इसके अलावा अन्य गवाहों को भी कोर्ट में गवाही देने के लिए कहा जा रहा है। इसके साथ-साथ राजौरी जाकर जम्मू और कश्मीर पुलिस ने डीएनए सैंपल भी इकट्ठे किए हैं।

18 सितंबर 2020 को श्रीनगर में सुरक्षा बल के प्रवक्ता राजेश कालिया ने एक बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था, ऑपरेशन को लेकर जांच पूरी की जा चुकी है। जांच में पहली नज़र में जो सबूत पाए गए हैं वो इस ओर इशारा करते हैं कि अफस्पा के अंतर्गत शक्तियों का अत्यधिक प्रयोग किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ के लिए जो दिशानिर्देश दिए गए हैं, उसका उल्लंघन हुआ है। इसलिए आर्मी की अनुशासनात्मक कार्यवाही के तहत इस मामले में जो जवाबदेह हैं। उनके ख़िलाफ़ उचित कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

बयान में आगे कहा गया है।"जांच में जो सबूत इकट्ठे किए गए हैं उनसे पहली नज़र में यह पता चलता है कि अमशिपोरा ऑपरेशन में मारे गए तीनों अज्ञात चरमपंथी राजौरी के रहने वाले थे। उनके डीएनए रिपोर्ट के आने का अभी इंतजार है। चरमपंथ और उससे जुड़ी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता को लेकर पुलिस अभी जांच कर रही है।


feature-top