ब्रिटेन और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों पर क्या होगा असर?

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ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच हुए पोस्ट-ब्रेग़्जिट ट्रेड डील के बाद अब ब्रिटेन का भारत सहित दूसरे देशों के साथ "फ्री ट्रेड ," का मार्ग प्रशस्त हो गया है साल के आख़िरी दिन यानी 31 दिसंबर को ब्रिटेन यूरोपीय संघ के व्यापार नियमों के दायरे से औपचारिक रूप से बाहर हो जाएगा। लेकिन समझौते के बाद अब बिना किसी टैक्स के ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के देशों के बीच व्यापार चलता रहेगा। दो हज़ार पन्नों के इस समझौते में अभी तो मुख्य रूप से व्यापार पर ही ज़ोर दिया गया है और बिना किसी टैक्स के। व्यापार करते रहेने के इस क़रार के बाद यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। भारत भी इस समझौते का बारीकी से अध्ययन कर रहा है। वैसे कूटनीतिक और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच हुए समझौते में कुछ नया नहीं है क्योंकि पहले भी वहां के व्यापारी बिना टैक्स के व्यापार करते हैं और वो आगे भी करते रहेंगे।
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