किसान आंदोलन का 33वां दिन - सरकार से बात करने को किसान संघ तैयार, तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग बरकरार

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भारतीय किसान यूनियन के महासचिव ने कहा हम 30 दिसंबर को होने वाली बैठक में भाग लेंगे और एक बार फिर नए कृषि कानूनों के बारे में अपनी मांगों को सामने रखेंगे, किसान यूनियन 30 दिसंबर को दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए बैठक में भाग लेगी और तीन नए कृषि कानूनों पर चर्चा करेगी। भारतीय किसान यूनियन के महासचिव सतनाम सिंह सहानी ने मिडिया को बताया कि हम 30 दिसंबर को होने वाली बैठक में भाग लेंगे और एक बार फिर नए कृषि कानूनों के बारे में अपनी मांगों को सामने रखेंगे किसान 4 स्पेशल एजेंडा पर बैठक करना चाहते हैं,जिसमें तीन केंद्रीय कृषि अधिनियमों को निरस्त करने की मांग, राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा अनुशंसित पारिश्रमिक एमएसपी को सभी किसानों और सभी के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत अधिकार के रूप में अपनाया जाना शामिल है। सूत्रों का कहना है, सरकार ने किसानों द्वारा प्रस्तावित सम्पूर्ण एजेंडा आइटम पर चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की है। सितंबर, 2020 में संसद ने किसानों से सम्बंधित तीन कानूनों को पारित किया था उसके बाद से ही देश भर के किसान संगठन केंद्र सरकार के विरुद्द आंदोलन कर रहे हैं। जिन दो राज्यों में इन कानूनों का सबसे अधिक विरोध हो रहा है वे दो राज्य पंजाब और हरियाणा हैं. इन दोनों राज्यों के किसान पिछले एक महीने से दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. इनकी मांग है कि सरकार तीनों क़ानून वापस ले. ये तीन क़ानून हैं- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन व सरलीकरण कानून 2020 ,कृषि कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार कानून, 2020, आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक, 2020
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