ड्राई रन में सिर्फ वैक्सीन नकली थी, बाकी सब असली

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इस ड्राई रन में सिर्फ वैक्सीन नकली थी, बाकी सब असली था। इसमें 125 जिलों के 260 से ज्यादा सेंटर शामिल थे। हर सेंटर में 25 लोगों को वैक्सीन की डमी डोज लगाई गई। ये एक तरह से कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत से पहले फाइनल रिहर्सल थी जिसके बाद अब जल्द ही असली वैक्सीनेशन की शुरुआत हो सकती है। ये ड्राई रन इसलिए भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि देश को दो कोरोना वैक्सीन मिल गई हैं। एक का नाम है कोविशील्ड, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है और अब जल्द ही कोरोना वैक्सीनेशन की तारिख का ऐलान भी हो सकता है।


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