15 जनवरी तक निपटेंगे त्योहार, 16 से कोरोना पर वार

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कोविड वायरस नाम की आपदा से जंग में भारत 16 जनवरी को इतिहास लिखने जा रहा है। ये वो तारीख है जब भारत मात्र 10 महीने पहले पता चली महामारी की वैक्सीन अपने देश के नागरिकों को लगाने जा रहा है। यूं तो वैक्सीन विकसित करने में वैज्ञानिकों को 5 साल तक लग जाते हैं। लेकिन इस बार खतरा बड़ा था, रोज मौतें हो रही हैं।इकोनॉमी को झटके लग रहे थे लिहाजा हमारे वैज्ञानिकों से सुपर स्पीड से काम किया, लेकिन इस बात का ध्यान रखा कि वैक्सीन की क्वालिटी पर तनिक भी सवाल खड़े न हों। इसी का नतीजा ये है कि 16 जनवरी 2021 को भारत में कोरोना की पहली वैक्सीन लगने जा रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को ये खुशखबरी दी है, उन्होंने ट्वीट में लिखा है,कोरोना से लड़ाई में 16 जनवरी को एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाने जा रहे हैं। इस दिन से नेशनल लेवल पर वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू होगा। इसमें हमारे बहादुर डॉक्टरों, हेल्थकेयर वर्कर्स, सफाई कर्मचारियों सहित सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाएगी।

15 जनवरी तक निपटेंगे त्योहार, 16 से कोरोना पर वार 

16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू करने का फैसला भी सोच-समझकर लिया गया है। लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, और माघ बिहू जैसे त्योहार 15 जनवरी तक निपट जाएंगे। इसके बाद देश कोरोना के खिलाफ अपनी आखिरी लड़ाई की शुरुआत करेगा। वैक्सीनेशन के पूर्वाभ्यास के लिए अब तक 2 बार देशव्यापी ड्राई रन भी किए जा चुके हैं। ये पहले ही तय हो चुका है कि वैक्सीनेशन के पहले चरण में तीन करोड़ भारतीयों को वैक्सीन लगाई जाएगी। जिन्हें तीन ग्रुप्स में बांटा गया है। पहला ग्रुप हेल्थकेयर वर्कर्स का है। इसमें स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े एक करोड़ कर्मचारी शामिल होंगे। दूसरा ग्रुप होगा फ्रंटलाइन वर्कर्स का, इसमें केंद्र और राज्यों की पुलिस अर्धसैनिक बलों, आपाताकालीन सेवाओं से जुड़े कर्मचारी और निगम कर्मचारी शामिल होंगे। तीसरा ग्रुप होगा 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले नागरिक और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों का। कोरोना की वैक्सीन पहले किसे और कैसे मिलेगी इसकी प्लानिंग के साथ- साथ वैक्सीन की डिलीवरी और स्टोरेज की तैयारी भी पूरी हो चुकी है।


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