कोविड -19: गुजरात के मंदिरों में कोई साष्टांग प्राणम नहीं, केवल हाथ जोड़ने की अनुमति

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कोरोनोवायरस के प्रकोप के बाद भी कुछ भी पहले जैसा नहीं है, भगवान के प्रति समर्पण का तरीका भी नहीं।

गुजरात के मंदिरों में अब देवता से पहले `साष्टांग प्राणम 'या वेश्यावृत्ति की अनुमति नहीं है। इसके बजाय, श्रद्धालु केवल अपनी हथेलियों को एक साथ लाकर 'प्रणाम' कर सकते हैं।

अधिकारियों ने कहा कि गर्भगृह के अंदर 'प्रसाद' (प्रसाद) ले जाना भी राज्य सरकार के मानक परिचालन प्रोटोकॉल के अनुरूप नहीं है।


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