पूर्व CM रमन सिंह का घेरने जा रहे किसानों को पुलिस ने रोका, किसान बोले- गिरफ्तार करो या उनके घर जाने दो

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भाजपा नेताओं की ओर से किसान आंदोलनों के विरोध में आए बयानों के बाद छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार के कृषि संबंधी तीनों कानूनों का विरोध तेज हो गया है। रायपुर में आज सैकड़ों किसानों ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के घर का घेराव करने की कोशिश की। पुलिस ने रोका तो किसान भड़क उठे। किसानों ने कहा, या तो उन्हें गिरफ्तार किया जाए या फिर पुलिस रास्ता छोड़े राष्ट्रीय किसान मोर्चा और राष्ट्रीय मतदाता जागृति मंच ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को कृषि कानूनों पर पत्र सौंपने की सूचना दी थी। आज दोपहर में बूढा तालाब स्थित धरना स्थल पर किसान संगठनों ने एक सभा की। इसमें केंद्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। किसानों नेताओं ने कहा, ये तीनों कानून कृषि और किसानों के साथ आम उपभोक्ताओं के भी खिलाफ है। बाद में किसान पदयात्रा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के मौलश्री विहार कॉलोनी स्थित आवास की ओर रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सप्रे स्कूल के पास पुलिस ने भारी बैरिकेड लगाकर किसानों को रोक लिया। भड़के किसानों ने पुलिस अफसरों से वह आदेश दिखाने को कहा, जिसके तहत उनको रोका जा रहा है। पुलिस अफसरों का कहना था, कानून व्यवस्था बिगड़ने से बचाने के लिए उनको यह रैली रोकनी पड़ रही है। राष्ट्रीय मतदाता जागृति मंच के नेता शत्रुघ्न साहू ने प्रशासन या तो वह आदेश दिखाए, जिसके तहत उन्हे रोका जा रहा है, या फिर रमन सिंह के घर जाने की अनुमति दी जाए। किसानों ने कहा, पुलिस चाहे तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दे लेकिन वे रमन सिंह से सवाल पूछने जाएंगे। बैरिकेडिंग नहीं हटाने से भड़के किसानों ने भारत माता की जय और जय जवान-जय किसान का नारा लगाते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने उनको धक्के देकर रोका। काफी देर की धक्कामुक्की से प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोगों को हल्की चोट आई। पुलिस ने संयम का परिचय दिया। बल प्रयोग नहीं हुआ और करीब एक घंटे की धक्कामुक्की और नारेबाजी के बाद किसान राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर लौट गए। इस ज्ञापन में किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को बिना शर्त वापस लेने की मांग की है। प्रदर्शन करने वालों में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेता डॉ. संकेत ठाकुर, रूपन चंद्राकर, द्वारिका साहू, वीरेंद्र पाण्डेय, राष्ट्रीय किसान मोर्चा के टिकेश्वर साहू, युगल किशोर साहू, राष्ट्रीय मतदाता जागृति मंच के संजय चंद्राकर आदि शामिल थे।


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