मस्तुरी से पूर्व विधायक के बेटे से 28 लाख रुपए की धोखाधड़ी, फर्म का पार्टनर बताकर मैनेजर ने निकाले रुपए

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छत्तीसगढ़ के मस्तुरी से विधायक रह चुके दिलीप लहरिया के बेटे से उनकी फर्म के मैनेजर ने ही 28 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर ली।आरोप है कि मैनेजर ने लोन के नाम पर उनसे फर्म के कागजात और बैंक डिटेल लिए। इसके बाद अलग-अलग सरकारी विभागों में जमा अमानत राशि को फर्म का पार्टनर बताकर निकाल लिया। मामले में बिलासपुर के सिविल लाइंस थाने में FIR दर्ज कराई गई है।

जानकारी के मुताबिक, मस्तुरी क्षेत्र के ग्राम धनगवां निवासी अनूप लहरिया कांग्रेसी नेता और पूर्व विधायक दिलीप लहरिया के बेटे हैं। वह कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं। साथ ही लहरिया कंस्ट्रक्शन फर्म के प्रोपराइटर हैं। उनकी फर्म में गंगा नगर निवासी विक्रम जन्मेजय सिंह बतौर मैनेजर काम करते थे। विक्रम ने अनूप को कई बार बिजनेस बढ़ाने के लिए लोन लेने को कहा। लेकिन हर बार मना कर दिया।

बैंक की यूजर ID, पासवर्ड के साथ 9 ब्लैंक चेक भी लिए 

बार-बार विक्रम के कहने पर अनूप तैयार हो गए। इसके बाद फर्म के पेपर विक्रम को दे दिए। बैंक स्टेटमेंट की कॉपी, नेट बैंकिंग का यूजर ID, पासवर्ड भी विक्रम ने मांगा। पहले तो अनूप ने मना कर दिया, लेकिन फिर भरोसा दिलाने पर दे दिया। आरोप है कि सिक्योरिटी के रूप में 9 ब्लैंक चेक भी साइन कराकर उनसे लिए। कुछ पेपर में साइन भी कराए। कुछ समय बाद विक्रम ने फर्म में काम छोड़ दिया

सरकारी विभागों में पहुंचे तो धोखाधड़ी का पता चला 

विक्रम के काम छोड़ने पर अनूप सरकारी विभागों में पहुंचे। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि PWD और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में जमा अमानत राशि और सुरक्षा निधि को करीब 28 लाख रुपए की राशि को विक्रम ने निकाल लिया है। यह राशि निकालने के लिए आरोपी विक्रम ने खुद को फर्म का पार्टनर बताया। इसके लिए बैंक दस्तावेज और यूजर ID और पासवर्ड का उपयोग किया।


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