कोरबा में शासकीय भूमि को अपनी बताकर बेच रहा है

बिलासपुर हाईकोर्ट ने शासन से 2 सप्ताह में मांगा जवाब

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छत्तीसगढ़ के कोरबा में शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा हो गया है। एक बिल्डर उस जमीन को अपनी बताकर प्लाटिंग कर बेच रहा है। इसको लेकर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। अफसरों पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने शासन से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की युगलपीठ में हुई। कोरबा के सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल शर्मा ने वकील गोविंद शर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि कोरबा जिले के राताखार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर शासकीय भूमि है। इस जमीन पर एक स्थानीय बिल्डर ने कब्जा कर लिया है। वह शासकीय जमीन को निजी बताकर अवैध प्लाटिंग कर टुकड़ों में बेच रहा है। इस मामले की शिकायत राजस्व अफसरों के साथ ही जिला प्रशासन से की गई है।

फरवरी के पहले सप्ताह में होगी मामले की सुनवाई

आरोप है कि बिल्डर का अफसरों से मिलीभगत है। यही वजह है कि शासकीय जमीन की अवैध प्लाटिंग हो रही है। शिकायत पर अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। मामले में पहले हुई सुनवाई पर हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। अब सुनवाई के दौरान शासन के वकील ने जवाब देने में असमर्थता जताई और समय देने का अनुरोध किया। अब फरवरी के पहले सप्ताह में इस मामले की सुनवाई की जाएगी।

शहर में भी चल रहा है कब्जे का खेल

कोरबा के साथ ही बिलासपुर शहर में भी शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा कर बेचने का खेल चल रहा है। इसी तरह अवैध प्लाटिंग भी बड़े पैमाने पर हो रही है। हालाकि यहां प्रशासन ने अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले दिनों नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने के साथ ही FIR भी दर्ज कराई है। शासकीय जमीन कब्जा करने के मामले में भी जांच की जा रही है। वहीं हाई कोर्ट में इसी तरह का मामला लंबित है।


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