सुराजी गांव योजना से गांवों में नवाचार और रोजगार के खुले नये द्वार

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मुख्यमंत्रीभूपेश बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से 5 माह में लगभग 72 करोड़ रुपए का भुगतान सरकारी दर पर गोबर विक्रेताओं को किया गया है। इस योजना से बड़ी संख्या में भूमिहीनों, महिलाओं तथा कमजोर तबकों को लाभ मिला है। सुराजी ग्राम योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के विकास से गांवों में नवाचार और रोजगार के नए द्वार खुले हैं। इससे न सिर्फ भूमि की उत्पादकता बढ़ रही है, जल संसाधनों का विकास हो रहा है, फल-सब्जी के उत्पादन से गांवों में कुपोषण से लड़ने के साधन जुट रहे हैं, बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हो रहा है बल्कि वर्मी कम्पोस्ट और गोबर से विभिन्न कलात्मक वस्तुओं का उत्पादन होने लगा है, जो आगे चलकर जैविक उत्पादों के बड़े बाजार में छत्तीसगढ़ की बड़ी हिस्सेदारी सुनिश्चित करेगा। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारी योजनाओं से महिलाएं और युवा साथी बड़ी संख्या में जुड़े हैं। शिक्षा से लेकर संस्कार तक, कौशल से लेकर रोजगार तक, प्रतिभाओं की परख से लेकर विस्तार तक, नए विश्वास का वातावरण बना है। निःशुल्क शिक्षा का दायरा कक्षा 12वीं तक बढ़ाना, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना, छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद, राष्ट्रीय स्तर की खेल अकादमी, निःशुल्क खेल प्रशिक्षण केन्द्र, दो नये विश्वविद्यालय, दर्जनों नये महाविद्यालय, मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना की नई गाइड लाइन जैसे उपायों ने युवाओं की आंखों को नए सपने दिए हैं। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी, नौकरी तथा रोजगार के अवसरों से सपनों में सफलता के नए-नए रंग भी भरे जा रहे हैं। विभिन्न विभागों द्वारा ब्लॉक स्तर पर किए जाने वाले निर्माण कार्य में युवा बेरोजगारों को एक बार में 20 लाख रुपए तथा वर्ष में अधिकतम 50 लाख रूपए तक कार्य आबंटित करने के लिए ’ई-श्रेणी एकीकृत पंजीयन’ की व्यवस्था की गई है। इस योजना में सामान्य क्षेत्रों के स्नातकों तथा अनुसूचित क्षेत्रों में हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण युवाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है। इसके अतिरिक्त एक अन्य योजना में बेरोजगार डिग्रीधारी तथा डिप्लोमाधारी इंजीनियरों एवं राजमिस्त्रियों के लिए पृथक निविदा प्रक्रिया की व्यवस्था की गई है। इसी तरह विभिन्न क्षेत्रों में कुछ नया करने वाले युवाओं तथा संस्थाओं के नवाचारों को मान्यता, बाजार तथा उद्यमिता विकास के अवसरों से जोड़ने के लिए नवप्रवर्तक प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत नवाचार हेतु अनुदान, प्रोटोटाइप विकास, बौद्धिक सम्पदा के रूप में पंजीयन आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।


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