दो वर्षों में औसतन 2 हजार बसाहटों में प्रतिवर्ष पहुंचाई बिजली

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मुख्यमंत्रीभूपेश बघेल ने कहा कि नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की जिम्मेदारी संभालने के लिए हमारी नई पीढ़ी नए जोश और नई तैयारी के साथ आगे आ रही है। हमने नई सोच के साथ अधोसंरचना के विकास को गति दी ताकि जल्दी से जल्दी उसका लाभ वास्तविक आवश्यकताओं के क्षेत्र में मिले। उदाहरण के लिए विगत 18 वर्षों में प्रतिवर्ष औसतन 1 हजार 300 मजरों-टोलों में बिजली पहुंचाई जाती रही, जबकि हमने दो वर्षों में औसतन 2 हजार बसाहटों में प्रतिवर्ष ग्रिड से बिजली पहुंचाई। इसके अलावा जहां यह साधन नहीं है वहां सौर ऊर्जा से घरों को रोशन किया गया। इसी प्रकार दो वर्षों में 63 हजार सिंचाई पम्पों का ऊर्जीकरण, उपकेन्द्र, लाइन विस्तार आदि कार्य भी अपेक्षाकृत तेज गति से किए गए। कुशल प्रबंधन के कारण इस वर्ष हमारे ताप बिजली घरों का पी.एल.एफ. भी देश में सर्वोच्च स्तर 70 प्रतिशत को पार कर गया। इस प्रकार एक ओर विद्युत विकास की बड़ी उपलब्धियां राज्य के खाते में आई हैं तो उसका लाभ भी आम जनता को दिया गया है। ‘हाफ बिजली बिल योजना’ से अब तक 38 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को 1 हजार 336 करोड़ रूपए की राहत दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जल संसाधन विकास का काम भी व्यावहारिक सोच के साथ किया है, जिसके कारण वास्तविक सिंचाई का सर्वाधिक लाभ किसानों को मिल रहा है। 5 वर्षों में सिंचाई क्षमता दोगुनी करने के लिए एक ओर जहां पुरानी योजनाओं को शीघ्रता से पूरा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर 15 नई वृहद सिंचाई परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में जल संसाधन विकास को उच्च प्राथमिकता देने और समग्र पहलुओं पर सार्थक पहल के लिए नई जल संसाधन नीति तैयार की जा रही है। हम स्पष्ट रणनीति बनाकर ऐसी सड़कें बना रहे हैं, जिसमें कृत्रिम सजावट के स्थान पर गुणवत्ता, उपयोगिता तथा उस पर ज्यादा से ज्यादा लोगों की पहुंच की प्रधानता रहे। इस तरह जवाहर सेतु योजना, ‘मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना’, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना, प्रधानमंत्री सड़क योजना के माध्यम से सैकड़ों पुल-पुलिया तथा 4 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें बनाई जा रही हैं।


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