गलत गांव के नाम से बीमा प्रीमियम काटने की वजह से किसान को नहीं मिला बीमा दावा :: जिला उपभोक्ता आयोग दुर्ग ने बैंक ऑफ इंडिया पर लगाया 83 हजार रुपये हर्जाना
दुर्ग। ऋणी किसान का बीमा काटते समय उसकी कृषि भूमि को गलत गांव में दर्ज कर दिया गया जिसके कारण किसान फसल बीमा से वंचित हो गया। बैंक के इस कृत्य को सेवा में निम्नता मानते हुए जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने बैंक ऑफ इंडिया पदमनाभपुर दुर्ग ब्रांच पर 83 हजार रुपये हर्जाना लगाया।
उपभोक्ता की शिकायत
जामगांव एवं तहसील पाटन निवासी किसान भानु प्रताप वर्मा ने बैंक ऑफ इंडिया, पदमनाभपुर दुर्ग शाखा से कृषि ऋण लिया था। उसकी कृषिभूमि पाटन ब्लॉक में ग्राम करगा, ग्राम रूही और ग्राम जामगांव एम में स्थित है। इन तीनो गांव के लिए परिवादी के ऋण खाते से बीमा प्रीमियम की रकम बैंक ने काटी थी। 2017 में इन तीनों गांव में फसल उत्पादन में कमी हुई थी और इन गांव के सभी कृषकों को फसल बीमा राशि प्राप्त भी हुई थी किंतु परिवादी को उसका फसल बीमा दावा भुगतान नहीं किया गया जिसके लिए उसने लगातार बैंक के चक्कर लगाए लेकिन बैंक ने सारी जिम्मेदारी बीमा कंपनी पर डाल दी। कृषक अपनी समस्या को लेकर बीमा कंपनी के रायपुर स्थित ऑफिस तक गया लेकिन उसे दावा राशि नहीं मिली।
अनावेदकगण का जवाब
बीमा कंपनी ने आयोग के समक्ष उपस्थित होकर कहा उसे परिवादी के नाम पर ग्राम कुथरेल जिला दुर्ग में दर्ज भूमि के लिए बीमा प्रीमियम प्राप्त हुआ था और उसे कुथरेल की भूमि के लिए ही बीमा आवरण प्रदान किया गया था और कुथरेल में फसल उत्पादन में कोई क्षति नहीं हुई थी, इस कारण परिवादी को क्षतिपूर्ति राशि नहीं दी गई। बैंक ने कहा कि उसका काम केवल प्रीमियम काटना है उसने तय मानक के अनुसार ही प्रीमियम काटा है किंतु क्षतिपूर्ति का आंकलन सरकार और बीमा कंपनी करती है।
आयोग का फैसला
प्रकरण में पेश दस्तावेजों एवं प्रमाणों के आधार पर जिला उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने यह प्रमाणित पाया कि संबंधित फसल बीमा योजना के नियमों के अनुसार प्रीमियम कटौती करने के बाद विधिवत रूप से बीमित कृषक की संपूर्ण जानकारी बीमा कंपनी को प्रदान करने के साथ पोर्टल पर अपलोड करने की जिम्मेदारी संबंधित बैंक की ही है जिसमें बैंक ने त्रुटि करते हुए बीमा प्रीमियम अग्रेषित करते समय परिवादी की कृषि भूमि को पाटन विकासखंड अंतर्गत वास्तविक ग्रामों में ना दर्शाते हुए दुर्ग विकासखंड के ग्राम कुथरेल अंतर्गत दर्शाया था, ग्राम कुथरेल में फसल क्षति की स्थिति नहीं थी इसी कारण बीमा कंपनी ने बीमा का भुगतान नहीं किया ऐसे में बीमा कंपनी उत्तरदायी नहीं है और बीमा योजना के नियमानुसार ग्राहक को पहुंची क्षति की भरपाई के लिए बैंक ही उत्तरदायी हैं। आयोग ने बीमा कंपनी के विरुद्ध परिवाद निरस्त कर दिया। जिला उपभोक्ता आयोग के जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने सेवा में निम्नता के लिए बैंक ऑफ इंडिया पद्मनाभपुर दुर्ग पर 83 हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए आदेश पारित किया, जिसके अनुसार बैंक ऑफ इंडिया को बीमा दावा राशि 70 हजार 9 सौ 96 रुपये, कृषक की मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 10 हजार रुपये, तथा वाद व्यय 2 हजार भुगतान करना होगा साथ ही बीमा राशि पर 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा।
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