ट्रेन कम चलने से यात्रियों को ज्यादा दिक्कत

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ट्रेनों का परिचालन धीरे-धीरे शुरू तो किया जा रहा है, लेकिन अभी भी 50 फीसदी गाड़ियां ही चल रही हैं। इतना ही नहीं जो गाड़ियां चलायीं जा रही हैं उनमें अधिकतर का परिचालन सप्ताह में एक, दो या फिर तीन दिन ही हो रहा है।

ये भी यात्रियों के लिए कम कष्टदायक नहीं क्योंकि एक तो सभी ट्रेनें स्पेशल व पूजा स्पेशल के तौर पर चल रही हैं जिससे ट्रेनों का किराया लॉकडाउन से पहले की तुलना में तिगुना से भी अधिक हो गया है। दूसरी ओर, सीमित संख्या में ट्रेनों के चलने से वेटिंग भी बढ़ रही है और कंफर्म बर्थ वाले यात्रियों को ही सफर करने की अनुमति मिल रही है।


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