रोजगार के लिए लेह-लद्दाख गए छत्तीसगढ़ के 37 मजदूर 2010 से लापता,

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जांजगीर-चांपा - 2010 में जांजगीर- चांपा जिले से रोजगार के लिए लेह- लद्दाख गए 37 मजदूरों का अब तक पता नहीं चल सका है। बादल फटने की घटना के बाद मजदूर और उनके परिवार के कुल 37 सदस्य लापता हैं। सरकार द्वारा इन मजदूरों को मृत घोषित भी नहीं किया गया है,जबकि लापता होने के 7 साल बाद मृत घोषित करने का प्रावधान भी है। जिला प्रशासन अब 10 साल बाद 9 पीड़ित परिवार को 1-1 लाख रुपये मुआवजा देगी। पीड़ित परिवार के लोगों ने मुआवजा की राशि बढ़ाकर 4 से 5 लाख करने की मांग की है, दरअसल, 5 अगस्त 2010 को लेह-लद्दाख में बादल फटने से 150 से ज्यादा मजदूर और परिवार के लोग, प्रभावित हुए थे।
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