ओवैसी ने कहा, किसानों के साथ चीनी फौजियों जैसा बर्ताव हो रहा है

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लोकसभा में राष्ट्रपति के भाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने टिकरी, सिंघु और ग़ाजीपुर बॉर्डर की तुलना भारत- चीन सीमा से करते हुए कहा कि सरकार अपना अहंकार छोड़े और कृषि क़ानूनों को वापिस ले, सरकार की आलोचना करते हुए ओवैसी ने कहा,"जिस तरीके का बर्ताव किसानों के साथ किया जा रहा है,ऐसा लगता है जैसे वो चीनी सेना हैं और जो बर्ताव चीन की फौज के साथ किया जाना था, वो किसानों के साथ किया जा रहा है। "जिस जगह पर हमें इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना था, हमने टिकरी पर बना दिया। सिंघु,गाज़ीपुर में बना दिया,अरुणाचल प्रदेश में नहीं बनाया, आख़िर हो क्या रहा है? असदउद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि अरुणाचल प्रदेश भारत की एलएसी के भीतर गांव बसा दिया और सरकार इस मुद्दे पर शांत कयों है? उन्होंने कहा, चीन अपने ढांचे और सेना को बढ़ा रहा है, मैं सरकार से जानना चाहता हूं कि वो उस समय के लिए क्या तैयारियां कर रही है, जब बर्फ़ पिघलेगी और चीन फिर से हमला करेगा। उन्होंने साहिर लुधियानवी के एक शेर को थोड़ा बदल कर संसद में पेश किया और कहा कि ऐसा लग रहा है कि सरकार चीन के मुद्दे पर तो चुप है लेकिन किसानों के मुद्दे पर बयान दे रही है। उन्होंने कहा, "चीन पर करम और किसानों पर सितम,रहने दे थोड़ा सा भरम, ऐ जानेवफ़ा ये जुल्म न कर, उन्होंने कहा "मैं जानना चाहता हूं कि किसानों पर क्यों जुल्म किया जा रहा है,आपको अपने अहंकार को छोड़ना होगा और कृषि क़ानूनों को वापिस लेना होगा।
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