पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि, लोगों पर केन्द्र का प्रहारः मो. असलम

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रायपुर : प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि पेट्रोल, डीजल और गैस की आसमान छूती कीमतों से देश का मध्यम और निम्न वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सरकार की असंवेदनशीलता के कारण लोगों को वाहन छोड़कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है। केन्द्र सरकार का महंगाई पर नियंत्रण नहीं है और रोजमर्रा की चीजों के साथ पेट्रोल-डीजल और एलपीजी के मूल्य में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले दो हफ्ते से लगातार पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो रही है, दो महीने में गैस सिलेंडर की कीमत में 175 रूपए की बढ़ोत्तरी हो चुकी है जबकि 18 दिनों में 12 बार पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में वृद्धि हो चुकी है। कोरोना के चलते पहले ही आर्थिक बदहाली झेल रहे परिवारों के लिए यह किसी बज्रपात से कम नहीं है लेकिन केन्द्र सरकार टैक्स कम करने का बोझ राज्यों पर डालकर तमाशा देख रही है।

मोहम्मद असलम ने केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार आम लोगों को मंहगाई और बढ़ती कीमतों से राहत देने कोई कदम नहीं उठा रही है। कोरोना काल में चरमराई अर्थव्यवस्था अभी पूरी तरह पटरी पर नहीं आई है, लोगों का कारोबार नहीं चल रहा है। रेहड़ी, पटरी वाले और रोज कमाने खाने वाले मजदूर अपना जीवन कैसा बिता रहे हैं इसकी सरकार को परवाह नहीं है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार इस हालात से बेहद परेशान हैं। पेट्रोल-डीजल और गैस जैसी दैनिक इस्तेमाल की चीजों की कीमतों में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है वह बेहद चिंतनीय है। 3 अंकों पर पहुंच चुके पेट्रोल डीजल के भाव ने लोगों को करंट जैसा झटका दिया है। यूपीए सरकार के दौर में थोड़ा भी पेट्रोल डीजल के भाव बढऩे पर सरकार को अस्थिर करने वाले भाजपाई अब महंगाई की करंट लगने पर चुप्पी साधे बैठे हैं। उन्होंने पूछा कि अब कहां गई उनकी संवेदना और सहानुभूति? ईंधन की कीमतों में दिन-प्रतिदिन हो रही बेतहाशा वृद्धि ने ना सिर्फ किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है बल्कि ट्रांसपोर्टर भी भारी नुकसान में हैं। वही घरेलू गैस के दाम बढऩे से गृहणियों का बजट खराब हो गया है। डीजल पेट्रोल के दाम बढऩे से हर चीजों के दर में फर्क पडऩे लगता है सरकार को लोगों की तकलीफों को ध्यान में रखते हुए वृद्धि को तुरंत वापस लेकर दर में कटौती करना जनहित में होगा।

कांग्रेस प्रवक्ता मो. असलम ने कहा कि मोदी सरकार को चाहिए कि इस कमरतोड़ महंगाई से जनता को राहत दिलाए, लेकिन उन्हें टैक्स वसूलकर लोगों को खून के आंसू रुलाने में ही लुत्फ आ रहा है। तेल के खेल में केंद्र सरकार केवल अपना हित साध रही है जनता की उन्हें कोई परवाह नहीं है। सरकार की मंशा अगर अच्छी होती तो वह टैक्स वसूली कम कर के लोगों को राहत प्रदान कर सकती थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत कम है, जबकि 3 से 4 गुना अधिक दर पर पेट्रोल की कीमत निर्धारित की गई है। यही स्थिति रही तो लगता है सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए अब पेट्रोल 150/-तक पहुंच जाएगा। कुछ राज्यों में तो यह 100 रुपए से पार निकल गया है।


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