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राज्यपाल सुश्री उइके के अभिभाषण के बाद विधानसभा स्थगित, जानें अभिभाषण में क्या कहा..
रायपुर : विधानसभा में आज राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अपने अभिभाषण के साथ बजट सत्र का आगाज किया। राज्यपाल ने सदन में जिन बातों को रखा है, वह इस तरह से है।
माननीय सदस्यगण,
नववर्ष 2021 के छत्तीसगढ विधानसभा के पहले सत्र में आप सबका हार्दिक अभिनंदन करती हूं। मुझे खुशी है कि आप सब ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की कल्पना को साकार करने के लिए एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। कोरोना महामारी ने विगत वर्ष अकस्मात ही पूरी दुनिया को अनिश्चितता के अंधेरे में धकेल दिया था। मानवता के सामने आए इस ऐतिहासिक संकट से निपटने में आप सबने मेरी सरकार को जो सहयोग दिया, प्रदेश की जनता को राहत दिलाने में जो जमीनी मदद की, उसके लिए मैं आप सबको साधुवाद देती हूं। कोरोना संकट के अंधेरे काल और जंजाल से बाहर निकलने की उम्मीद के साथ, नए साल की शुरुआत हुई। कोरोना-प्रभावित विकास कार्यों के साथ नए लक्ष्यों को पूरा करने की दोहरी जिम्मेदारियों के सफलतापूर्वक निर्वाह के लिए, मैं आप सबको शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं।
बीता साल अनेक चुनौतियों से भरा था, जैसे रोज कमाने-खाने वाले परिवारों का भोजन और आजीविका, कुपोषण से लड़ रहे परिवारों को निरंतर पोषण आहार प्रदाय, प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी और उनका पुनर्वास, कोरोना संक्रमण से बचाव और संक्रमित लोगों का उपचार, जनता का मनोबल बनाए रखने के इंतजाम, आर्थिक गतिविधियों की स्वाभाविक गति बनाए रखना, जन-जीवन को भय के भंवर से निकालकर सतर्कतापूर्वक जीवनयापन आदि। मुझे खुशी है कि इन सभी मोर्चों पर मेरी सरकार खरी उतरी है और प्रदेश कोरोना काल में भी अनेक क्षेत्रों में नई उपलब्धियां हासिल कर सका।
मेरी सरकार ने प्रदेश को इस कठिन दौर से निकालने के लिए सूझबूझ के साथ काम किया, जिससे 67 लाख से अधिक राशन कार्डधारी परिवारों को उनकी पात्रता अनुसार खाद्यान्न, शक्कर, नमक, केरोसीन, बस्तर संभाग में गुड़, कोण्डागांव जिले में फोर्टिफाइड राइस वितरण सुरक्षा उपायों के साथ संभव हो पाया। 57 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित तथा निःशक्तजन कार्डधारियों को 8 माह तक पात्रता अनुसार चावल तथा चना भी निःशुल्क दिया गया। प्रवासी श्रमिकों तथा अन्य लोगों की सुरक्षित घर वापसी हुई। गांव-गांव में सबकी खाद्य सुरक्षा के लिए 11 हजार से अधिक पंचायतों में 2-2 क्विंटल चावल उपलब्ध कराया गया। ऐसे अनेक प्रयासों के सकारात्मक नतीजे मिले।
मेरी सरकार ने 2 अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के रूप में जो अलख जगाई थी, उसकी लौ कोरोना काल में भी जलती रहे, इसके लिए 3 लाख 62 हजार से अधिक हितग्राहियों के साथ ही 51 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों के 24 लाख से अधिक हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट पोषण सामग्री दी गई। मध्याह्न भोजन योजना के 29 लाख से अधिक हितग्राही स्कूली बच्चों को भी रेडी-टू-ईट सूखा राशन सुरक्षित रूप से घर पहुंचाकर दिया गया। इतना ही नहीं, गर्म भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों को कोरोना से बचाव के उपायों के साथ 7 सितम्बर 2020 को पुनः शुरू कर दिया गया।
5. मेरी सरकार की प्रतिबद्धता से एक वर्ष में 99 हजार बच्चों को कुपोषण से तथा 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से मुक्ति मिली है। महिलाओं और बच्चों की बेहतर देखरेख और विकास के लिए महतारी जतन योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, सक्षम योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, स्वावलम्बन योजना, नवा बिहान योजना, स्व-आधार गृह योजना, उज्ज्वला गृह योजना, महिला पुलिस स्वयंसेविका योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष योजना,महिला शक्ति केन्द्र योजना आदि को सुचारू ढंग से लागू किया गया, जिससे मातृ-शक्ति का मनोबल और स्वावलम्बन बढ़ा है।
मेरी सरकार ने एक बार फिर किसानों से किया गया वादा निभाया है। चुनौतियों के बीच सुधार और संकल्प के साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई। इस वर्ष सर्वाधिक 21 लाख 52 हजार 980 किसान पंजीकृत हुए थे, जिनमें से 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने अपना धान बेचा। इस प्रकार नई व्यवस्था और नए संकल्प से छत्तीसगढ़ 95.40 प्रतिशत किसानों का धान खरीदने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। धान खरीदी के हर पहलू पर एक नया कीर्तिमान बना है जैसे कुल पंजीकृत रकबा, कुल धान खरीदी का रकबा, कुल उपार्जित धान की मात्रा 92 लाख मीट्रिक टन को पार करना किसी चमत्कार से कम नहीं है। इन उपलब्धियों से न सिर्फ किसानों के जीवन में बल्कि पूरे प्रदेश में कृषि उत्पादन और खुशहाली का एक नया दौर शुरू हुआ है।
मेरी सरकार ने किसानों के हित में जो नए-नए कदम उठाए हैं, उसके कारण इस वर्ष ब्याज मुक्त कृषि ऋण के रूप में 4 हजार 755 करोड़ रुपए की राशि वितरण का नया कीर्तिमान बना है। लगभग 16 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए जा चुके हैं। प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटी का पुनर्गठन कर 725 नई समितियां पंजीकृत की गई हैं, जिससे अब कुल समितियों की संख्या 1 हजार 333 से बढ़कर 2 हजार 58 हो गई है। एक ओर जहां गन्ना आधारित इथेनॉल प्लांट लगाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर धान आधारित इथेनॉल प्लांट लगाने की मेरी सरकार की नवाचारी सोच को भी राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन और स्वीकृति मिली है। मेरी सरकार चाहती है कि प्रदेश में धान की बंपर पैदावार के बावजूद धान के दाम का मान बना रहे इसलिए धान का इस्तेमाल अन्य लाभप्रद उपक्रमों में भी किया जाए। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाली अलग-अलग फसलों का वेल्यू एडीशन हो इसके लिए प्रत्येक विकासखण्ड में फूडपार्क एवं वनोपज प्रसंस्करण केन्द्रों की स्थापना की जा रही है।
मेरी सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान, गन्ना, मक्का सहित 14 फसलें लेने वाले किसानों को सीधी आर्थिक मदद देने का बीड़ा उठाया है। प्रथम वर्ष में तीन किस्तों में 4500 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खाते में डाल दी गई है, वहीं शेष लगभग 1200 करोड़ रुपए की अंतिम किस्त का भुगतान भी इसी वित्तीय वर्ष में कर दिया जाएगा।
कृषि के अलावा वन संसाधन भी प्रदेश की बड़ी आबादी के लिए आजीविका जुटाते हैं। इसलिए मेरी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 52 कर दी है। इस कठिन दौर में भी देश की कुल लघु वनोपज खरीदी का 72.5 प्रतिशत हिस्सा खरीदकर छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर रहा। शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना लागू की गई है। तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2500 रुपए से बढ़ाकर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा तथा बोनस भुगतान की निरंतरता से इस काम में लगे लाखों परिवारों को राहत मिली है।
मेरी सरकार वनों के संरक्षण तथा हरियाली के विस्तार के लिए सजग है। विगत वर्ष में 2 करोड़ 23 लाख पौधों का रोपण किया गया, जिसमें राम वनगमन पथ, नदियों के किनारे पौध रोपण जैसे नवाचार भी शामिल हैं। 16 हजार हेक्टेयर से अधिक बिगड़े बांस वनों का सुधार किया गया। कैम्पा मद की राशि के सदुपयोग में भी छत्तीसगढ़ का कार्य राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। यही वजह है कि विगत दो वर्षों में छत्तीसगढ़ की जो कार्य योजनाएं स्वीकृत हो रही हैं, वह अपने आकार और आयाम में देश में अव्वल हैं।
मेरी सरकार ने पंचायत और ग्रामीण विकास की योजनाओं को तात्कालिक जरूरतों से जोड़ते हुए अनेक नवाचार किए, जिसके कारण भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को 11 विशिष्ट पुरस्कारों से नवाजा है। वर्ष 2019-20 में महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत स्वीकृत मानव दिवस के लेबर बजट का लक्ष्य शत्-प्रतिशत पूरा किया गया तथा वर्ष 2020-21 में भी 81 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया गया है, जो पुनः नए कीर्तिमान की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक है। महात्मा गांधी नरेगा में बीते 10 माह में श्रमिकों को अब तक 2 हजार 590 करोड़ रुपए का मजदूरी भुगतान किया गया। इस साल अब तक 2 लाख 17 हजार 291 परिवारों को 100 दिनांे का रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
विभिन्न योजनाओं के साथ महात्मा गांधी नरेगा के अभिसरण से आंगनवाड़ी केन्द्रों, गौठानों, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट (टंकी), चारागाह, धान उपार्जन केन्द्रों में धान संग्रहण चबूतरे का निर्माण, नरवा का विकास आदि कार्य किए जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ के अंतर्गत कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों की 20 लाख महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया है, जो परंपरागत रोजगार को
नए अवसरों में बदलकर अपना, परिवार और गांव का जीवन बदल रही हैं। विभिन्न जिलों में बीसी सखी के रूप में 3 हजार 500 महिलाएं घर पहुंच बैंक बन गई हैं, इससे ग्रामीण महिलाओं का मनोबल और रचनात्मक क्षमता भी लगातार बढ़ रही है, जो एक सुखद संकेत है।
मेरी सरकार ने विभिन्न राष्ट्रीय योजनाओं तथा कार्यक्रमों का क्रियान्वयन पूरी लगन से किया है, जिसके कारण ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन’ में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)’ और ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)’ के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश में द्वितीय स्थान पर रहा है। 86 ग्राम पंचायतों के ‘ओ.डी.एफ. प्लस’ घोषित होने के साथ ही छत्तीसगढ़ इस मापदण्ड में भी देश में दूसरे स्थान पर है। ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2020’ में प्रदेश को स्वच्छतम राज्य का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। 14 नगरीय निकायों ने भी राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त किए हैं। इस सफलता का श्रेय स्वच्छता दीदी, कमाण्डो जैसे अलग-अलग नामों से लोकप्रिय कार्यकर्ताओं को जाता है। मैं चाहूंगी कि स्वच्छता के लिए जागरुकता तथा उपलब्धियां लगातार बढ़ें।
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