आर्मीनिया के प्रधानमंत्री ने सेना पर तख़्तापलट की कोशिश का आरोप लगाया

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आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिन्यान ने सेना पर तख्तापलट करने की कोशिश का आरोप लगाने के बाद अपने समर्थकों के साथ राजधानी येरेवन की सड़कों पर मार्च किया है। उन्होंने जिसे तख्तापलट की कोशिश बताया है, उसके मुकाबले में यह कदम उठाया है। उन्होंने इससे पहले सैन्य बलों के प्रमुख ओनिक गैसपैरियन को एक ऑनलाइन प्रासरण के दौरान निकालने की घोषणा की थी।

ओनिक पर सरकार को बर्खास्त करने वाले एक बयान पर हस्ताक्षर करने का आरोप था। सेना के अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने आर्मीनिया को पिछले साल अज़रबैजान के साथ हुई लड़ाई में कमजोर किया था. रूस ने इस पर चिंता व्यक्त की है और अज़रबजैन के सहयोगी तुर्की ने तख्तापलट की कोशिश के आरोपों की यह कहते हुए आलोचना की है कि सड़कों पर तो कोई सैन्य गतिविधि नहीं दिखाई पड़ रही है।

 प्रधानमंत्री निकोल पाशिन्यान को अज़ेरी क्षेत्रों में पकड़ खोने के लिए व्यापक पैमाने पर दोषी ठहराया जाता है जिस पर विवादित नागोर्नो-कारबाख के आस-पास करीब तीस सालों से अर्मीनियाई लोगों का कब्जा था।


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