म्यांमार: सैन्य शासकों ने यूएन में अपने राजदूत को किया बर्ख़ास्त

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म्यांमार के सैन्य शासकों ने संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के राजदूत को बर्ख़ास्त कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के राजदूत के एम तुन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से सैन्य तख़्तापलट को ख़त्म करने में मदद के लिए तत्काल अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की गुहार लगाई थी। एक फ़रवरी को म्यांमार की सेना ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को बर्ख़ास्त कर दिया था और सत्ता अपने हाथ में ले ली थी। इसी के साथ स्टेट काउंसलर आंग सांग सू ची और अन्य शीर्ष राजनेताओं को गिरफ़्तार कर लिया था। संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के राजदूत अभी भी बेदख़ल कर दी गई सरकार के प्रति वफ़ादार हैं. उन्होंने कहा कि वो एनएलडी के नेतृत्व वाली असैन्य सरकार का यूएन में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। एक भावुक स्पीच में उन्होंने कहा कि किसी भी देश को सैन्य सरकार का साथ नहीं देना चाहिए जब तक कि सेना लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को सत्ता नहीं सौंप देती है। उन्होंने सभी सदस्य राष्ट्रों और संयुक्त राष्ट्र से अपील की कि वो सैन्य तख़्तापलट की निंदा करें और सैन्य शासन को किसी भी माध्यम से मान्यता ना दें। आख़िर में उन्होंने तीन उंगलियों से सलाम किया जो सैन्य शासन के ख़िलाफ़ म्यांमार में प्रदर्शनकारी कर रहे हैं। म्यांमार के राष्ट्रीय टीवी चैनल ने शनिवार को उनके बर्ख़ास्त किए जाने की घोषणा की। सेना ने कहा,यूएन में म्यांमार के राजदूत ने देश को धोखा दिया है और ख़ुद को एक अनाधिकारिक संस्था का प्रतिनिधि बताया है जो कि म्यांमार देश का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। उन्होंने एक राजूदत की शक्तियों और ज़िम्मेदारियों का ग़लत इस्तेमाल किया है।
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