सरकारी कंपनियों के विनिवेश के ख़िलाफ़ आंदोलन करेगा आरएसएस का मज़दूर संघ

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आरएसएस से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ (बीएमएस) ने केंद्र सरकार की ओर से पीएसयू यानी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में प्रस्तावित विनिवेश कार्यक्रम के ख़िलाफ़ 15 मार्च से 11 नवंबर तक चरणबद्ध तरीक़े से विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। यह फ़ैसला हैदराबाद में बीएमएस की पीएसयू कॉर्डिनेशन कमिटी की दो दिन की बैठक में लिया गया। यह बैठक बजट 2021 में केंद्रीय पीएसयू के ख़िलाफ़ "सरकार के धावे के संदर्भ में " चेन्नई में बीएमएस नेशनल एग्जीक्यूटिव के विचार-विमर्श के 10 दिन बाद की गई। हैदराबाद में हुई बैठक में बीएमएस के अध्यक्ष एचजे पंड्या, महासचिव बिनॉय कुमार सिन्हा और आयोजन सचिव बी सुरेंद्रन शामिल हुए थे और एक आम सहमति बनी कि बीएमएस को विनिवेश, निजीकरण और विमुद्रीकरण पर केंद्र की नीतियों का कड़ा विरोध करना चाहिए। स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने भी विनिवेश कार्यक्रम की आलोचना की है। आंदोलन के तहत पहले चरण में 15 मार्च से 14 अप्रैल तक उद्योग- वार सेमिनार करवाए जाएंगे, जिसके बाद मई में इकाई - स्तर की वर्कशॉप होंगी और 14 जून से 20 जून के बीच जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। चौथे चरण में 15 जुलाई को इकाई स्तर पर सामूहिक प्रदर्शन होंगे,इसके बाद 20 से 30 सितंबर के बीच राज्य स्तरीय सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। छठाँ और अंतिम चरण 23 नवंबर को होगा, जब बीएमएस सभी सार्वजनिक उपक्रमों के सभी कॉर्पोरेट कार्यालयों में प्रदर्शन करेगा। मोदी सरकार के सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनियों को निजी हाथों में दिए जाने की योजना की कई स्तर पर आलोचना हो रही है.


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