छत्तीसगढ़ बजट 2021 पर रमन सिंह बोले- 'विकास के नाम अन्याय

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रायपुर: सीएम भूपेश बघेल ने सोमवार वित्त मंत्री के तौर पर को यानि एक मार्च को छत्तीसगढ़ का बजट पेश किया। सीएम बघेल ने कुल 97 हजार 106 करोड़ का कुल बजट पेश किया। सीएम भूपेश बघेल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बजट का उद्देश्य गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ है। वहीं, अब बजट को लेकर प्रदेश के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। जहां एक ओर कांग्रेस नेताओं ने बजट 2021-22 को गांव-गरीब और किसानों के लिए बताया तो वहीं, भाजपा नेताओं ने निराशाजनक बजट बताया है।

इसी कड़ी में पूर्व सीएम रमन सिंह ने बजट 2021- 22 पर प्रतिक्रिया दी है। रमन सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार की योजनाओं को सामने रखकर पूरा बजट का फ्रेम प्रस्तुत किया गया। बजट तीसरी बार प्रस्तुत हो रहा है। उन्होंने पूछा कि इस बजट में क्या घोषणा पत्र को CM ने पढ़ना बंद कर दिया? क्या उसका क्रियान्वयन करना चीफ सेक्रेटरी ने करना बंद कर दिया? उन्होंने आगे क​हा कि ना तो बोनस की बात है, ना तो युवाओं को ढाई हजार देने की बात है। किसान, युवा, महिला कर्मचारियों के साथ बजट एक तरीके का मजाक है। 17% पूंजीगत व्यय की राशि घट कर 14% पूंजीगत व्यय में आ गया। जल जीवन मिशन और PM आवास योजना यह केंद्र की योजना है, इन्हें सरकार अपना बता रही है। पूर्व सीएम ने आगे क​हा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर सरकार ने बजट में कोई प्रावधान नहीं रखा गया है। बजट का 32% हिस्सा जनजाति क्षेत्र की होना चाहिए था, लेकिन उसमें भी कमी आई है। मजदूर और छोटे उद्योगों को नुकसान हुआ। रमन सिंह ने आगे शायराना अंदाज में भी कहा कि 'विकास के नाम पर अर्चन डालते हो तुम' 'न्याय के नाम पर अन्याय करते हो तुम'। एक तरह से यह बजट शून्य है, जिसमें ना तो विकास की संभावनाएं दिखती है और न भविष्य की कल्पना दिखती है।


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