babuaa.com के "चर्चित चेहरे" में इस बार " गरियाबंद कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर"

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1.आपकी परिवारिक पृष्टभूमि की अगर बात करे तो वो क्या रही ?

मूलतः पुणे महारष्ट्र में पैतृक किसानी से हमारा परिवार जुड़ा रहा है लेकिन पिताजी ने शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया, वे प्राथमिक शिक्षक थे, जिसके कारण शुरू से ही पढाई और शिक्षा पर मेरा विशेष लगाव रहा।

 

2.आप को आईएएस बनने का ख्याल कब और कैसे आया ?

शिक्षक होने के नाते पिताजी को जिला परिषद् अक्सर जाना पड़ता था और कभी कभी कुछ काम से वो मुझे भी बुला लिया करते थे, जब मै जिला परिषद् जिसे जिला पंचायत भी कहाँ जाता है में पदस्त सीईओ को देख, प्रभित हुआ और उन्ही की तरह सीईओ बनने के मंशा पिताजी को कही तो उन्होंने मुझे UPSC  परीक्षा मै उत्तीर्ण होकर ही उस पद को प्राप्त करने का रास्ता बताया, बस वही से आईएएस बनने का ठान लिया।

 

3.क्या आप कभी सीईओ के पद पर कार्य कर सके ?

हां, मेरी पोस्टोइंग सीईओ रायपुर मेँ भी हुई थी, उस वक़्त मुझे बड़ा सुकून मिला की जिस सपने की  कल्पना मैंने बचपन मेँ की थे उसे मेहनत से प्राप्त कर ही लिया।

 

4.आप के UPSC पास करने का सफर कहाँ से शुरू हुआ ?

जैसे की मैंने बताया मन तो बचपन से ही बना लिया था लेकिन कॉलेज के पढ़ाई के बाद पहले महाराष्ट्र लोक सेवा की परीक्षा पास कर डिप्टी-कलेक्टर के रूप में कार्य और फिर UPSC परीक्षा को उत्तीर्ण किया।

 

5. आपने UPSC पास करने के लिए क्या संघर्ष किया ?

बिना संघर्ष के कोई भी मुकाम हासिल नही होता, फिर तो येह अपने देश के सबसे कठिन परीक्षाओ में से एक है , मैंने तीन साल तक दिल्ली मे रह कर पढ़ाई करी, यहाँ तक की  दशहरा , दिवाली और अन्य त्योहार की छुटटी मे भी घर नही गया और पढ़ाई पर ही फोकस किया, यही मेहनत ने मुझे UPSC परिक्षा मे चयनित करवाया।

 

6.वो लम्हा जो आपका यादगार हो और भुलाया नहीं जा सकता ?

महाराष्ट्र लोक सेवा परीक्षा के रिजल्ट में मैंने अपना चयन देखने हेतु खोजा तो डिप्टी-कलेक्टर में चयनित लिस्ट को छोड़ बाकि सभी पदों में अपना नाम नहीं पाया, महाराष्ट्र लोक सेवा में डिप्टी-कलेक्टर का पद शीर्ष चयनित छात्रों को ही मिलता है, जब उसमे किसका चयन हुआ है येह देखने लिस्ट पढ़ी तो 4 रैंक में अपना नाम पाया । यह लम्हा मेरे लिए सब से यादगार है।

 

7.IAS बनने से पहले और बनने के बाद आपकी तब और अब की सोच मे क्या अंतर है ?

जब IAS नहीं था तब की सोच अपने और अपने परिवार के इर्द गिर्द ही रहती थी, आज यह सोच की जिले के लोगो के लिए क्या कर सकते है यु कहे की सोच के होराइजन मे बड़ा और बेहतर बदलाव है।

 

8.अगर खली समय की बात करे तो आप क्या करते है?

पहले तो काफी समय मिल जाया करता था और उस समय में मुझे पढ़ना अच्छा लगता था लेकिन अब उतना समय नहीं मिलता इसलिए पढ़ना कम हो गया है और जब भी मिलता है तो साइकिलिंग या फिर प्राकृतिक फोटोग्राफी कर लेता हूँ।

 

9.प्राकृतिक फोटोग्राफी ही क्यूँ ?

इस भागम-भाग जिंदगी में फोटोग्राफी करने से प्रकृति को करीब से जानने का मौका तो मिलता ही है, इसके अल्वा जब भी आप उस तस्वीर को देखते है तो उससे दिमाग को शांति मिलती है। बस इसीलिए जब मौका मिलता है प्राकृतिक फोटोग्राफी जरूर करने की कोशिश करता हूँ।

 

10.आप युवाओ को क्या सन्देश देना चाहेंगे ?

अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर, मेहनत करते रहे तो कुछ भी असंभव नहीं है, सफलता अवश्य मिलेगी। आज की पीढ़ी के लोगो को मै कहूंगा की मन लगा कर कड़ी मेहनत करे, और मेहनत करने से ही उन्हें मंज़िल हासिल होगी। जीवन मे कोई शॉर्टकट नहीं होता।

 

 


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