खेतों में बिजली कंपनियों द्वारा अवैध टावर लगाने का मामला उठाया।

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रायपुर - छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही आज शुरू हुई तो कांग्रेस के विधायक शकराजीत नायक ने खेतों में बिजली कंपनियों द्वारा अवैध टावर लगाने का मामला उठाया। नायक ने कहा कि बिजली कंपनियां किसानों की अनुमति के बगैर खड़ी फसलों के ऊपर अवैध टावर लगा रही है। इससे दुर्घटनाएं होती रहती है और कई बार मौत की भी आशंका होती है। श्री नायक ने किसानों की सूची जारी करते हुए और नाम लेते हुए कहा कि इन किसानों ने अपने खेतों में बिजली के टावर लगाने की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद भी कंपनियों ने जबरदस्ती टावर लगा दिए हैं साथ ही मुआवजा भी नहीं दिया है। इसका जवाब देते हुए मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि 127 किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है। अगर आप किसानों की सूची देंगे तो हम पता लगाएंगे कि मुआवजा मिला है कि नहीं, इस पर नायक ने कहा कि मैं उन किसानों से बात कर चुका हूं और इन किसानों को मुआवजा नहीं मिला। इस पर मंत्री अग्रवाल ने आश्वासन दिया कि जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला है उन्हें कंपनी से बात करके मुआवजा दिलवाया जाएगा। नायक के इस सवाल पर भाजपा के कुछ विधायकों ने भी साथ दिया। भाजपा विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ने इसी सवाल को जोड़ते हुए कहा कि अभी तक 1885 का कानून लागू होता है इस कानून के तहत यदि टावर से किसी की मौत हो जाती है या दुर्घटना होती है तो उसे न्याय नहीं मिल पाता क्योंकि यह अंग्रेजों के जमाने का कानून है। डॉ बांधी ने कहा कि इस नियम को बदले जाने की जरूरत है उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत से आग्रह किया कि वे मुख्यमंत्री से कहें कि इस कानून को बदल दिया जाए ताकि किसानों के लिए भला हो सके इस सारे मामले पर जवाब देते हुए मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि सदस्यों की भावनाओं को समझ लिया गया है उसके मुताबिक विभाग कार्रवाई करेगा। शकराजीत नायक इस बात पर अड़े रहे कि क्या मंत्री जी ऐसा कोई आश्वासन दे सकते हैं कि जब तक किसानों की अनुमति ना मिले वहां पर टावर नहीं लगाए जा सके। इस पर मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया। नायक इस पर दबाव बनाते रहे और अंतत: मंत्री ने कहा कि जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला है,उन्हें मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
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