संसद के बजट सत्र - कार्यवाही पर दिखेगा चुनाव का असर

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सत्र का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है, जब चार राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव प्रचार अपने चरम पर हैं। इस कारण संसद की कार्यवाही पर चुनावी माहौल का असर पड़ेगा। खासतौर पर पश्चिम बंगाल और असम से जुड़े मामलों में संसद के दोनों सदनों में सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर तीखी तकरार होने की संभावना है।

बजट सत्र का दूसरा चरण ऐसे समय हो रहा है, जब सभी सियासी दलों का ध्यान पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों पर है। इन राज्यों में मार्च-अप्रैल में चुनाव होने हैं। अनुमान है कि चुनाव प्रचार की खातिर कई क्षेत्रीय दलों के वरिष्ठ नेता सदन की बैठकों से अनुपस्थित रहेंगे।

वहीं सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाने के लिए रविवार को बैठक बुलाई। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई।

  बता दें कि बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी को शुरू हुआ था जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था। राष्ट्रपति के अभिभाषण का कांग्रेस समेत 20 से अधिक विपक्षी दलों ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर बहिष्कार किया था। केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश किया गया था।


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