सच मे वे हर मन प्रीत है।

लेखक: संजय दुबे

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क्रिकेट , पुरुषों के दायरे से निकल कर अब महिलाओं के सशक्तिकरण के दायरे में आते जा रहा है। भले ही वे टेस्ट फॉर्मेट में अभी कम सहभागिता दिखा रही है लेकिन वन डे  और टी 20 में वे भी उतनी चपलता से फील्डिंग करती  है जितना जोंटी रोड्स,वे उतनी ही आक्रमकता से किसी बॉलर के बॉल को हवा में उड़ाती है जितना क्रिस गेल,वे उतनी ही तेज़ी से स्टंप बिखेरती है जितना जेमी एन्डरसन। देश विदेश के नामवर महिला खिलाड़ियों में भारत की एक बेटी भी ऐसी है जिसका मैदान में आने का मतलब किसी शांत तूफान का धीरे धीरे बढ़ना होता है। ये है हर मन प्रीत याने हरमनप्रीत कौर। हरमन   अंतरास्ट्रीय महिला दिवस याने 8 मार्च को जन्मी है तो स्वाभाविक रूप से वे ऐसे ही स्वयं सशक्त है  साथ ही जब देश का प्रतिनिधित्व करती है तो 140 करोड़  देशवासियों का मस्तक गर्व से उठ जाता है। हरमन देश की उन चुनिंदा महिला खिलाड़ियों में से है जिन्होंने देश के तरफ से टेस्ट,वनडे टी 20 तो खेला ही है ।उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में होनेवाले आईपीएल के समान आईपीएल के समान महिलाओं के  लीग मैच में भी हिस्सेदारी की है।
 हरमन न केवल एक  आक्रामक बल्लेबाज है बल्कि उपयोगी स्पिन गेंदबाज भी है रही  बात फील्डिंग की तो अद्भुद कैच लेते देखना हो तो आप हरमन को फील्डिंग करते जरूर देखें। वे  देश का प्रतिनिधित्व  देश विदेशों में बतौर कप्तान के रूप में कर रही है। टी 20 की तो वे स्थायी कप्तान है। उनके नेतृत्व में देश ऑस्ट्रेलिया में हुए टी 20 के फाइनल में  हार गया था पिछले एकदिवसीय विश्व कप में हरमन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफ़ाइनल में 171 नाबाद रन की पारी खेल कर देश को फाइनल में पहुँचाया था।  
7 मार्च को वे देश की तरफ से 100वा वनडे खेलने का रिकॉर्ड बनाया है।  ये उपलब्धि उंगलियों में गिननेवाले खिलाड़ियों के हिस्से में अब तक आया है। 
वे अर्जुन पुरस्कार से  सम्मानित महिला है।
 देश से विदेश का सफर लोग पढ़ लिख कर कर भी लेते है। मल्टीनेशनल कंपनी में करोड़ो रूपये का पैकेज हासिल कर लेते है लेकिन क्या उनको हरमनप्रीत जैसा हर मन प्रीत बनने का अवसर मिलता है?
 


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