ममता बनर्जी पर 'हमले' के बाद टीएमसी के पत्र पर चुनाव आयोग का तीखा बयान

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टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल के पत्र के जवाब में चुनाव आयोग ने बयान जारी करके उसे "आक्षेप और घृणा का पुलिंदा " बताया है जो 'चुनाव आयोग के गठन और उसकी कार्य पद्धति पर सवाल उठाता है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदिग्राम में बुधवार शाम को आरोप लगाया था कि उनको चार या पांच लोगों ने धक्का दिया है। इसके बाद उन्हें कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पर उनके कंधे, गर्दन और टांग में चोट का पता चला था।

इसके बाद गुरुवार को उनकी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने कोलकाता में चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया था कि राज्य के पुलिस प्रमुख को हटाने के बाद उन पर कथित हमला हुआ और चुनाव आयोग मुख्यमंत्री की रक्षा करने में नाकाम रहा।

टीएमसी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया था कि उसने केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के दबाव में पुलिस प्रमुख को हटाया था।

आयोग ने बयान में एक पार्टी के दबाव में पुलिस प्रमुख को हटाने के आरोप पर कहा कि इस पर टिप्पणी करना अशोभनीय होगा।

बयान में कहा गया है कि यह कहना भी पूरी तरह ग़लत है कि उसने चुनाव कराने के नाम पर राज्य की क़ानून-व्यवस्था को अपने हाथों में ले लिया है।

साथ ही आयोग ने कहा कि यह आरोप लोकतांत्रिक राजनीति के सबसे पवित्र दस्तावेज़ यानी भारतीय संविधान की नींव को कमज़ोर करने के समान है।

चुनाव आयोग ने राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी वीरेंद्र को हटाने के फ़ैसले का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री बनर्जी के साथ हुई घटना को "दुर्भाग्यपूर्ण "बताते हुए कहा कि इसकी तेज़ी से जांच होनी चाहिए।


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