कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दी मौसम आधारित कृषि करने की सलाह

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कृषि संचालनालय के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को मौसम आधारित कृषि सलाह दी है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए सलाह दी हैं कि आने वाले दिनों में हल्के बादल छाए रहने एवं हल्की वर्षा होने की संभावना को देखते हुए चने की फसल में इल्लीयों का प्रकोप बढ़ सकता है। अतः इसकी सतत निगरानी करते रहें। इसी प्रकार से आने वाले दिनों में हल्के बादल छाए रहने एवं हल्की वर्षा होने की संभवना को ध्यान में रखते हुए चने फसल की कटाई का कार्य करें। किसान भाइयों को सलाह दी हैं कि आने वाले दिनों में हल्के बादल छाए रहने एवं हल्की वर्षा होने की संभावना को देखते हुए धान की फसल में तना छेदक का प्रकोप बढ़ सकता है। अतः इसकी सतत निगरानी करें। मक्का की फसल में तना छेदक का प्रकोप बढ़ सकता है। अतः इसकी सतत निगरानी की जरूरत है। वर्षा की संभावना को देखते हुए थ्रिप्स कीट की उपस्थिति की जाँच की जाए। मैदानी भागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर हल्की बौछारे पड़ने की संभावना को देखते हुए पकी हुई दलहनी एवं तिलहनी फसलों की कटाई का कार्य सावधानी पूर्वक करें।

    किसानों को एवं फलों की फसलों के लिए सलाह दी है कि ग्रीष्मकालीन सब्जियों की बोआई के लिए उपयुक्त हैं। अतः किसान भाइयों को सलाह है कि कद्दूवर्गीय सब्जियों की बैग में नर्सरी तैयार करें। पत्तेदार सब्जियों की बोआई करें तथा ग्रीष्मकालीन सब्जियों के लिए खेतों की तैयारी करें। भिंडी एवं भटे की फसल को बेधक कीटो से बचाने हेतु 10 फिरोमेन ट्रेप प्रति एकड़ लगाएं। कीट ग्रस्त पौधे के ऊपरी मुरझाएं हिस्से को मसलकर तोड़ देवें। आम में फल मटर के दाने के बराबर हो गए हो तो सिंचाई करने की सलाह दी जाती है जिससे कि फलो को झड़ने से बचाया जा सके। केला एवं पपीता के पौध में सप्ताह में एक बार पानी अवश्य देवें।


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