बंदियों के पुर्नवास के लिए जेलों में व्यवसायिक प्रशिक्षण, जेलों में निर्मित उत्पादों से 2.80 करोड़ रूपए की आय

केन्द्रीय जेलों में 892 बंदी प्रशिक्षणरत

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 रायपुर : जेल मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि प्रदेश के जेलों को सुधार गृह के रूप मंे परिवर्तित करने की दिशा में राज्य शासन द्वारा बंदियों के कल्याण और उनके पुर्नवास के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि बंदियों की पुर्नवास के लिए राज्य के जेलों में सिलाई, बुनाई, लौह, काष्ठ, बांस, जूट, ऑफसेट स्क्रीन प्रिंटिंग, साबुन, मसाला सहित 13 विभिन्न प्रकार के उद्योग संचालित है।

    राज्य में कुल 33 जेल हैं। इनमें 5 केन्द्रीय जेल, 12 जिला जेल और 16 उपजेल है। केन्द्रीय जेलों रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, अम्बिकापुर और दुर्ग में वर्ष 2020 में बंदियों द्वारा उत्पादित सामग्रियों से 2 करोड़ 79 लाख 91 हजार रूपए की आय हुई है। केन्द्रीय जेलों में 332 प्रशिक्षित बंदियों द्वारा 892 बंदियों को विभिन्न उद्योगों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। केन्द्रीय जेलों में ऑफसेट एवं स्क्रीन प्रिंटिंग प्रेस, काष्ठ कला, साबुन, वाशिंग पाउडर एवं फिनॉयल, सिलाई, बुनाई, लौह, बांस शिल्प, मसाला, कशीदाकारी, मरवाही आर्ट, केकती एवं जूट उद्योग संचालित है।

 

 


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