पलानीस्वामी ने बार-बार चुनाव हारने के बाद भी जयललिता की पार्टी को मुट्ठी में कैसे लिया

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जयललिता की मौत के कुछ दिन बाद ही एआईएडीएमक पार्टी के दो हिस्से हो गए थे।

एक धड़े का नेतृत्व ओ पनीरसेलवम कर रहे थे जो शुरुआत में मुख्यमंत्री भी बने जबकि शशिकला के नेतृत्व वाले दूसरे धड़े ने ईडापड्डी के पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया। एक छोटे लेकिन नाटकीय घटनाक्रम के बाद पलानीस्वामी सीएम बने थे।

एआईएडीएमके ने ओ पनीरसेलवम को तीन बार मुख्यमंत्री बनाया, हालांकि उन्हें अस्थायी तौर पर ही सीएम चुना गया था लेकिन वो इस मौक़े का फ़ायदा उठाकर सत्ता और पार्टी को अपने नियंत्रण में करने में नाकाम रहे।

दूसरी तरफ़ ईके पलानीस्वामी ने मुख्यमंत्री बनने के कुछ महीनों के भीतर ही सरकार और पार्टी को अपने नियंत्रण में ले लिया। इसकी एक वजह जयललिता की मौत को भी बताया जा सकता है लेकिन उन्होंने ये भी साबित कर दिया कि वो कितने मंझे हुए राजनेता हैं।


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