पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 - राजनीतिक दलों से क्यों नाउम्मीद हो रहे हैं बंगाली नौजवान?

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पश्चिम बंगाल में हो रहे विधान सभा के चुनाव कई मायनों में अलग हैं।इस बार हिंसा और प्रचार के गिरते स्तर की वजह से मुख्य मुद्दे नदारद होते नज़र आ रहे हैं। यही वजह है कि मौजूदा युवा पीढ़ी, जिनका किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं है, उन्हें इससे निराशा हो रही है।

पिछले कुछ सालों से शैक्षणिक संस्थाएं भी राजनीतिक दलों के निशाने पर ही रहीं हैं - चाहे वो कोई भी दल हो।इस कारण युवा सार्वजनिक रूप से अपने मन की बात करने से भी कतराते हैं।

कोलकाता में पढने वाले छात्रों को लगता है कि राज्य और केंद्र सरकारों ने शिक्षा और उच्च शिक्षा को लेकर अपनी अलग-अलग नीतियाँ बनाई हैं, लेकिन उनका लाभ छात्रों को ज़्यादा नहीं मिल पाता है.

अरिथ्रो, इंजीनियरिंग के छात्र हैं और उन्हें लगता है कि लगातार शोध और उच्च शिक्षा के बजट में कटौती होती चली जा रही है. उन्हें लगता है कि युवाओं और छात्रों के मुद्दे राजनीतिक दलों के एजेंडे से बाहर ही रहते हैं.

कोलकाता में पढ़ने वाले छात्रों को लगता है कि राज्य और केंद्र सरकारों ने शिक्षा और उच्च शिक्षा को लेकर अपनी अलग-अलग नीतियाँ बनाई हैं, लेकिन उनका लाभ छात्रों को ज़्यादा नहीं मिल पाता है.


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