प्रशासन की सजगता से एक लड़की बालिका वधु होने से बची

feature-top

सूरजपुर : कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देश पर जिले में एक भी बाल विवाह ना हो इसके अंतर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रवेस सिंह सिसोदिया ने बाल विवाह की सजगता से रोकथाम के लिए एक टीम बनाई है। जिले में जहां कहीं भी सूचना मिलती है, टीम तत्काल मौंके पर जाकर बाल विवाह रोकने हेतु समझाईस देती है और मौंके पर पंचनामा बना कर परिजनों का कथन लेकर बाल विवाह रोकवा देती है। उसके बावजूद नहीं मानने पर पुलिस थाने में एफआईआर भी दर्ज किया जाता है। वर्तमान प्रकरण में ग्रामीणों द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम-सम्बलपुर (चन्दोरीपारा), सिलफिली के पास एक 16 वर्षीय नाबालिग का बाल विवाह कराने की तैयारी चल रही है, जिसका 22 मार्च को सगाई और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में उसका विवाह सम्पन्न होने जा रहा है। जिस पर जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देशन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जायसवाल के नेतृत्व में टीम गांव में सगाई के एक दिन पहले पहुंच गई उम्र का सत्यापन करने पर लड़की 16 वर्ष 10 माह की निकली। जिसका विवाह ग्राम सिरसी निवासी 21 वर्षीय बालक के साथ तय किया गया था, जिसपर परिजनों को समझाईस दिया गया और बालिका का विवाह उसके 18 वर्ष हो जाने के बाद करने की समझाईस दी गई। बड़ी देर से उसके परिजन इस हेतु तैयार हुए। उन्हें यह भी बताया गया कि यदि उम्र से पहले इस बालिका का विवाह हुआ तो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत सभी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जायेगा। उपस्थित ग्रामीणों को भी बताया गया कि यदि गांव में कोई भी बाल विवाह, बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति या कोई भी बच्चों के अधिकारों का हनन हो तो आप भी 1098 में फोन कर उसकी जानकारी दे सकते हैं। बाल विवाह रोकने वालों में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, संरक्षण अधिकारी अखिलेश सिंह, आउटरीच वर्कर पवन धीवर, चाईल्ड लाईन से कु0 गीता गिरी, शोभनाथ राजवाड़े एवं पुलिस विभाग से हरिषचन्द तिवारी एवं अमलेश्वर कुमार उपस्थित थे।


feature-top